रेल मंत्रालय राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ रेलवे लाइन निर्माण करने की योजना बना रहा है। ऐसा एक प्रस्ताव नागपुर-मुंबई सुपर एक्सप्रेस वे समृद्धि महामार्ग को नागपुर-मुंबई रेलवे लाइन से जोड़ना है।
यह जानकारी रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक समझौता ज्ञापन समारोह के दौरान सोमवार को नागपुर में दी।
बताया कि रेल मंत्रालय राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ-साथ रेलवे लाइन बनाने की योजना पर काम कर रहा है। ऐसे ही एक प्रस्ताव के तहत नागपुर-मुम्बई सुपर एक्सप्रेस-वे (समृद्धि महामार्ग) को नागपुर-मुम्बई रेल लाइन से जोड़ा जाएगा।
नागपुर और मुंबई के बीच हाई स्पीड रेलवे कॉरिडोर के निर्माण से दोनों शहरों के बीच की दूरी केवल 5 घंटों में कवर हो सकेगी।
भारतीय रेलवे ने मुंबई में उप शहरी रेलवे नेटवर्क के विकास के लिए 67 हजार करोड़ रुपये का रिकॉर्ड राशि आवंटित की है जिसका उपयोग भारत के कुल रेलवे यात्रियों में से एक तिहाई द्वारा किया जाता है।
नागपुर शहर में बड़ी लाइन नेटवर्क पर रेलवे लाइन को मेट्रो कोचों से जोड़ने और त्वरित जन परिवहन प्रणाली (एमआरटीएस) के निर्माण के लिए भारतीय रेल ने आज महामेट्रो (महाराष्ट्र की मेट्रो रेलवे परियोजना कंपनी) के साथ एक समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का समारोह नागपुर नगर निगम के सुरेश भट्ट सभागार में आयोजित हुआ।
केंद्रीय रेल, वित्त, कारपोरेट मामले और कोयला मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय सड़क यातायात, राजमार्ग एवं जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी तथा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की उपस्थिति में समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी और शहरी विकास सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर नागपुर नगर निगम के ‘वेस्ट टू एनर्जी प्रोजेक्ट’ का शिलान्यास भी किया गया।
इसके साथ महाजेनको परियोजना का शिलान्यास समारोह भी आयोजित किया गया, जिसके तहत पाइप कंवेयर प्रणाली के जरिये वेस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड की खानों से कोयले की ढुलाई की जा सके।
नितिन गडकरी
सड़क यातायात, राजमार्ग एवं जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने मेट्रो शहरों में बढ़ते प्रदूषण की चर्चा करते हुए ‘विद्युत जन यातायात’ की वकालत की।
उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे निजी यातायात के बजाय जन यातायात का इस्तेमाल करें।
उन्होंने बताया कि बड़ी लाइन पर चलने वाले वातानुकूलित मेट्रो कोचों की गति 100 किलोमीटर प्रति घंटा होगी जो साधारण पैसेंजर गाड़ियों की गति से काफी अधिक है।
उन्होंने कहा कि इस समझौता-ज्ञापन से नागपुर से कुछ दूरी पर स्थित भंडारा और वर्धा जैसे शहर नजदीक आयेंगे और उपग्रह शहरों के रूप में विकसित होंगे।
देवेन्द्र फडणवीस
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि ये तीनों परियोजनाएं अनोखा प्रयास हैं और पूरे राष्ट्र के लिए मानक होंगी।
उन्होंने बताया कि खानों और बिजली संयंत्रों से प्राप्त पानी का इस्तेमाल महाराष्ट्र में 10 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई के लिए किया जा रहा है।
इस अवसर पर उन्होंने बताया कि खानों के जल वितरण के लिए विदर्भ सिंचाई औद्योगिक निगम और डब्ल्यूसीएल के बीच एक समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
Follow @JansamacharNews