भोपाल, 14 अक्टूबर (जनसमा)। नर्मदा के तटों पर पौधों की देखरेख के लिये पौध रक्षक नियुक्त किये गए हैं। वृहद वृक्षारोपण के कार्यक्रम के तहत गत 2 जुलाई को एक दिन में एक लाख 30 हजार स्थानों पर 7 करोड़ 10 लाख पौधे लगाये गये थे। इन पौधों की देखरेख के लिये पौध रक्षक नियुक्त किये गये हैं तथा गर्मी के मौसम में इन्हें बचाने के लिये मटका सिंचाई की योजना बनायी गयी है। नर्मदा के तटों पर अपने खेतों में फलदार पौधे लगाने वाले किसानों को ड्रिप इरिगेशन के लिये प्रेरित किया जायेगा।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को यहाँ नर्मदा सेवा मिशन की समीक्षा बैठक में यह जानकारी देते हुए घोषणा की कि प्रदेश के बांद्राभान में फरवरी माह में नदी महोत्सव आयोजित किया जायेगा। इसमें नदी संरक्षण और पर्यावरण के लिये काम करने वाले अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय पर्यावरणविद् तथा नदी सेवक शामिल होंगे। प्रदेश में नर्मदा नदी के तटों पर आयोजित होने वाले मेलों को व्यवस्थित स्वरूप दिया जायेगा।
बैठक में बताया गया कि नर्मदा नदी में जल गुणवत्ता मापन के लिये 31 स्थानों पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा हर माह लिये जा रहे नमूनों में सभी स्थानों पर जल की गुणवत्ता ए-ग्रेड की मिली है। नर्मदा सेवा मिशन के तहत किये गये कार्यों और प्राप्त परिणामों की रिपोर्ट विधानसभा में रखी जायेगी।
चौहान ने कहा कि नर्मदा तट के गांवों को पूरी तरह से खुले में शौच मुक्त करें। नर्मदा के तटों के घाटों पर पोर्टेबल चेंजिंग रूम बनाये जायें। नर्मदा तट के गांवों में नरवाई जलाने से रोकने के लिये जन-जागरण अभियान चलायें। इन गाँवों में नये किसानों को फलदार पौधों की खेती के लिये तैयार करें।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि नर्मदा के तटों पर घाट निर्माण, जीर्णोद्धार और नर्मदा यात्री निवास बनाने की कार्य-योजना तेजी से क्रियान्वित करें। नर्मदा नदी के तटों पर अगले पाँच सालों में 190 घाट और 92 नर्मदा यात्री निवास बनाये जायेंगे।
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