Naidu

प्‍लास्टिक का इस्‍तेमाल जिम्‍मेदारी और समझदारी से करना चाहिए

उपराष्‍ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने गुरुवार को चेन्‍नई में कहा कि प्‍लास्टिक का इस्‍तेमाल जिम्‍मेदारी और समझदारी से करना चाहिए  तथा इस्‍तेमाल के बाद उसे उचित तरीके से री-साइकिल किया जाना चाहिए।

वे सेंट्रल इंस्‍टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सिपेट) के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। यह संस्‍थान प्‍लास्टिक और सहयोगी उद्योगों के विकास का काम करता है।

उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि एक तरफ बेहतर भौतिक सुविधाओं के जरिए जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास हो रहा है, तो दूसरी तरफ प्‍लास्टिक के अंधाधुंध इस्‍तेमाल से खतरा पैदा हो रहा है।

उन्‍होंने कहा कि प्लास्टिक को री-साइकिल करने और प्लास्टिक उत्पादों के दोबारा इस्तेमाल के विषय के बारे में लोगों में जागरूकता और शिक्षा जरूरी है।

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नायडू ने पर्यावरण का उल्‍लेख करते हुए कहा कि प्‍लास्टिक उत्‍पादों के टिकाऊपन और लम्‍बे समय तक उसके कायम रहने से पर्यावरण को गंभीर खतरा है।

उन्‍होंने इस बात पर दुख व्‍यक्‍त किया कि एक बार इस्‍तेमाल की जाने वाली प्‍लास्टिक सामग्री को लैंडफिल  के लिए लगातार इस्‍तेमाल किया जाता है।

उन्‍होंने कहा कि फालतू प्‍लास्टिक का ढेर हर जगह नजर आता है, जिसके मद्देनजर यह आवश्‍यक है कि हम प्‍लास्टिक का इस्‍तेमाल जिम्‍मेदारी से करें और उसे सही तरीके से री-साइकिल करें।

उन्‍होंने कहा कि भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के इतिहास में प्‍लास्टिक उद्योग ने अहम भूमिका निभाई है। भारत का  प्‍लास्टिक निर्यात 2018-19 में 8 अरब अमेरिकी डॉलर के पार पहुंच जाएगा।

नायडू ने कहा कि देश के प्‍लास्टिक उद्योग में क्षमता, संरचना और कुशल श्रमशक्ति के मद्देनजर अपार क्षमता मौजूद है।