प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार 05 जनवरी, 2020 को लोकसभा में ‘‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’’ (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra) ट्रस्ट बनाने का ऐलान किया।
इस ट्रस्ट का नाम श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra)रखा गया है।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार केंद्रीय मंत्रिमण्डल ने राम मंदिर ट्रस्ट बनाने को मंजूरी दे दी है।
लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके साथ ही अयोध्या में केन्द्र सरकार द्वारा कब्जाई गई 67 एकड़ जमीन को भी ट्रस्ट को देने का एलान किया।
साल 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद 1993 में अयोध्या में विवादित स्थल सहित आसपास की करीब 67 एकड़ जमीन का केंद्र सरकार ने अधिग्रहण कर लिया था। तभी से ये जमीन केंद्र सरकार के अधीन थी, लेकिन अब सरकार ने इस राम मंदिर ट्रस्ट को दे दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ही अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और उससे संबधित फैसले लेने के लिए स्वतंत्र होगा।
प्रधानमंत्री का वक्तव्य के महत्वपूर्ण अंश इसप्रकार हैं:
लोकसभा में अपना वक्तव्य शूरू करते हुए प्रधान मंत्री ने कहा ‘‘बहुत ही महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक विषय पर जानकारी देने के लिए विशेषतौर पर उपस्थित हूँ।
यह विषय करोड़ों देशवासियों की तरह ही मेरे हृदय के भी करीब है। ये विषय अयोध्या में श्री राम जन्म स्थली पर भगवान श्री राम के मंदिर से जुड़ा हुआ है।
9 नवंबर 2019 को मैं करतारपुर साहब कोरिडोर के लोकार्पण हेतु पंजाब में था। गुरु नानक देव जी का 550 वां प्रकाश पर्व था । बहुत ही पवित्र वातावरण था उसी दिव्य वातावरण में मुझे देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा राम जन्मभूमि विषय पर दिए गए ऐतिहासिक फैसले के बारे में पता चला। इस फैसले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि श्री राम जन्म भूमि के विवादित स्थल के भीतर और बाहरी आंगन पर रामलला विराजमान का ही स्वामित्व है।
माननीय उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि केंद्र और राज्य सरकार आपस में परामर्श करके सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन आवंटित करें।
मुझे आज सदन को पूरे देश को यह बताते हुए बहुत ही खुशी हो रही है कि आज सुबह केंद्रीय मंत्रिमंडल की हुई बैठक में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को ध्यान में रखते हुए इस दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।
मेरी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार श्री राम जन्म स्थली पर भगवान श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए और इससे संबंधित अन्य विषयों के लिए एक वृहद् योजना तैयार की है।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार एक स्वायत्त ट्रस्ट बनाया जाएगा जिसका नाम ‘‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’’ (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra) होगा।
श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra) के गठन करने का प्रस्ताव मंत्रिमंडल में पारित किया गया है।
श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra) ट्रस्ट अयोध्या में भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर भव्य और दिव्य श्री राम मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय लेने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार गहन विचार.विमर्श और संवाद के बाद अयोध्या में 5 एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को आवंटित करने का अनुरोध उत्तर प्रदेश सरकार से किया गया। इस पर राज्य सरकार ने भी अपनी सहमति प्रदान करदी है।”
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