नई दिल्ली, 07 अप्रैल। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना शुक्रवार को भारत दौरे पर दिल्ली पहुंच चुकी हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्योते पर 4 दिवसीय दौरे पर भारत आई हैं, जो 2015 में बांग्लादेश की यात्रा पर गए थे। पहले माना जा रहा था कि दोनों नेताओं की दिल्ली में 8 अप्रैल मुलाकात होगी लेकिन प्रधानमंत्री मोदी खुद शुक्रवार सुबह हसीना को रिसीव करने एयरपोर्ट पहुंचे।
दोनों नेताओं के बीच वार्ता के दौरान तीस्ता समझौते को लेकर बने गतिरोध के अलावा आतंकवाद से मुकाबला, कट्टरपंथ पर काबू और सुरक्षा सहयोग में वृद्धि जैसे मुद्दों के प्रमुखता से उठने की संभावना है। हसीना के इस दौरे का सबसे अहम मकसद भारत को तीस्ता नदी के पानी पर लंबित समझौते के लिए तैयार करना है। लेकिन, भारत तीस्ता समझौते की सफलता को लेकर आशान्वित नहीं है, क्योंकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसका मजबूती से विरोध करती रही हैं। ऐसी खबर है कि केंद्र सरकार ममता को शामिल किये बगैर समझौते पर आगे नहीं बढ़ेगी। वैसे ममता शेख हसीना के सम्मान में आयोजित भोज में शामिल होंगी।
दरअसल उत्तर बंगाल के किसानों की आजीविका तीस्ता नदी के पानी पर निर्भर है। ममता बनर्जी कहती रही हैं कि इसके पानी में कमी से बंगाल के छह जिलों में खेती सीधे तौर पर प्रभावित होगी। किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। 2011 में भी ममता बनर्जी के विरोध की वजह से तीस्ता पर समझौता होते-होते रह गया था। तब तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ढाका गये थे। इससे पहले वर्ष 1983 में तीस्ता के पानी पर बंटवारे पर एक तदर्थ समझौता हुआ था। इसके तहत बांग्लादेश को 36 फीसदी और भारत को 39 फीसदी पानी के इस्तेमाल का हक मिला। बाकी 25 फीसदी का आवंटन नहीं किया गया।
बांग्लादेश के लिए तीस्ता का जल महत्वपूर्ण हो जाता है, विशेषकर दिसंबर से लेकर मार्च की अवधि में। इस दौरान जल का प्रवाह अक्सर अस्थायी रूप से 5,000 क्यूसेक से 1,000 क्यूसेक नीचे तक चला जाता है।
समाचारों के अनुसार, एक अधिकारी ने कहा, यह यात्रा बिना पानी की होगी। तीस्ता समझौता दोनों देशों के लिए एक अहम राजनीतिक जरूरत है। इससे भारत को बांग्लादेश में चीन के बढ़ते प्रभाव पर अंकुश लगाने में सहायता मिलेगी। दूसरी ओर, हसीना को इससे अगले साल के आम चुनावों के पहले खुद को बड़े नेता के तौर पर स्थापित करने में सहूलियत होगी।
प्रधानमंत्री के रूप में मौजूदा कार्यकाल में हसीना की यह पहली द्विपक्षीय भारत यात्रा होगी। हसीना राष्ट्रपति भवन में ठहरेंगी।
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