नई दिल्ली, 19 मई (जनसमा)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरूवार को केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम की समीक्षा की। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा शुक्रवार को जारी बयान के मुताबिक, बैठक के दौरान सरकार के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने अब तक उठाए गए कदमों तथा इस कार्यक्रम में प्रगति से प्रधानमंत्री को अवगत कराया।
अधिकारियों ने बताया कि नदी तट पर स्थित शहरों में मलजल शोधन संयंत्रों की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। हरिद्वार, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, पटना, भागलपुर, हावड़ा तथा कोलकाता सहित गंगा के किनारे स्थित बड़े शहरों पर खासा ध्यान दिया गया है। अत्यधिक प्रदूषणकारी उद्योगों की कड़ी निगरानी व निरीक्षण किया जा रहा है।”
अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि इन सब उपायों के कारण गंगा नदी की कुछ सहायक नदियों में जल की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने गंगा के किनारे स्थित गांवों में साफ-सफाई में प्रगति पर भी चर्चा की। मोदी ने अधिकारियों को कार्यक्रम के प्रति लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करने तथा लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने को कहा।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने इस कार्यक्रम को साल 2015 में लॉन्च किया था। गंगा की सफाई के लिए पांच वर्षो के लिए 20,000 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम का वित्तपोषण केंद्र सरकार कर रही है।
बैठक में नीति आयोग, जल संसाधन मंत्रालय, पेयजल व स्वच्छता मंत्रालय, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन तथा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी शामिल हुए।
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