नई दिल्ली, 31 दिसम्बर | नववर्ष पर अपने बहुप्रतिक्षित भाषण में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों, किसानों तथा छोटे व्यापारियों को राहत प्रदान करने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की। बीते आठ नवंबर को की गई नोटबंदी के बाद सबसे ज्यादा मार इन्हीं तबकों पर पड़ी है। मोदी ने शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों को होम लोन में छूट, छोटे व्यापारियों व एमएसएमई को अधिक क्रेडिट गारंटी प्रदान करने तथा कुछ कृषि ऋणों पर 60 दिनों तक ब्याज की छूट तथा वरिष्ठ नागरिकों को ज्यादा ब्याज देने की घोषणा की।
नोटबंदी को ऐतिहासिक ‘शुद्धि यज्ञ’ करार देते हुए मोदी ने कहा कि दिवाली के बाद लोगों ने अब तक के सबसे बड़े शुद्धि यज्ञ में भाग लिया और विपरीत परिस्थितयों का सामना कर इस बात को साबित कर दिया कि देश की अधिकांश जनता भ्रष्टाचार से मुक्ति चाहती थी।
विपक्ष हालांकि प्रधानमंत्री की घोषणाओं से प्रभावित नहीं हुआ। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी का भाषण लोगों को लुभाने में नाकाम रहा। उन्होंने कहा, “खोदा पहाड़ निकली चुहिया।”
नोटबंदी पर मोदी का सबसे मुखर विरोध करने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “मोदी बाबू अपने स्वार्थी, व्यक्तिगत एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं।” उन्होंने वादा किया कि 2017 भारत से ‘मोदी हटाने’ का साल होगा।
अपने 45 मिनट के भाषण (पहले हिंदी फिर अंग्रेजी) में मोदी ने घोषणा की कि सरकार नौ लाख के होम लोन पर ब्याज में चार फीसदी तथा 12 लाख के ऋण पर तीन फीसदी की छूट देगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज (एमएसएमई) की क्रेडिट गारंटी को एक करोड़ से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये करने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि जो कारोबारी साल में 2 करोड़ रुपये तक का व्यापार करते हैं, उनके कर की गणना 8 प्रतिशत आय को मानकर की जाती थी। अब ऐसे व्यापारियों के डिजिटल लेन-देन पर कर की गणना 6 प्रतिशत आय मानकर की जाएगी। इस तरह उनका कर काफी कम हो जाएगा।
उत्तर प्रदेश तथा अन्य राज्यों में जहां चुनाव होने हैं, वहां अगले सप्ताह आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी, जिसे ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने गरीबों को फोकस करते हुए कई योजनाओं को हरी झंडी दिखाई।
प्रधानमंत्री ने कहा, “जिला सहकारी बैंकों और प्राइमरी सोसायटी से जिन किसानों ने खरीफ और रबी की बुआई के लिए कर्ज लिया था, उस कर्ज के 60 दिन का ब्याज सरकार वहन करेगी और किसानों के खातों में स्थानांतरित करेगी।”
मोदी ने कहा कि अब देश के सभी 650 से ज्यादा जिलों में सरकार गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में पंजीकरण और डिलिवरी, टीकाकरण और पौष्टिक आहार के लिए 6 हजार रुपये की आर्थिक मदद करेगी। यह राशि गर्भवती महिलाओं के खाते में स्थानांतरित की जाएगी।
परेशानियों के बावजूद नोटबंदी के समर्थन में खड़े रहने के लिए उन्होंने लोगों का शुक्रिया अदा किया।
उन्होंने कहा, “सवा सौ करोड़ देशवासियों ने तकलीफें झेलकर, कष्ट उठाकर यह सिद्ध कर दिया है कि हर हिंदुस्तानी के लिए सच्चाई और अच्छाई कितनी अहमियत रखती है।”
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के निशाने पर बेईमान थे और देश को काले धन से छुटकारा दिलाना था। प्रधानमंत्री ने कहा, “भ्रष्टाचार, काला धन तथा नकली नोट भारत के सामाजिक जीवन में इस कदर घुल मिल गए थे कि ईमानदार लोगों को भी घुटने टेकने पड़ गए।”
बैंककर्मियों के कठिन प्रयास को लेकर मोदी ने उनकी प्रशंसा की, लेकिन यह भी कहा कि जिन बैंक अधिकारियों ने काले धन को सफेद बनाने में बेईमानों की मदद की है, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
प्रधानमंत्री ने हालांकि नोटबंदी के बाद बैंकों में कितने पुराने नोट जमा हुए, इसका कोई आंकड़ा नहीं दिया।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) नेता डी.राजा ने आईएएनएस से कहा, “प्रधानमंत्री देश के लोगों को यह बताने में नाकाम रहे कि देश ने नोटबंदी से क्या हासिल किया। कितना काला धन, नकली नोट और विदेशी बैंकों में जमा काला धन वापस आया।”
राजा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ये घोषणाएं कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए की हैं और आश्चर्य हो रहा कि आखिर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट के दौरान क्या घोषणा करेंगे।
वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोदी की घोषणाओं को ‘खोखला’ करार दिया और कहा कि लोगों ने उनपर भरोसा करना छोड़ दिया है।
केजरीवाल ने कहा, “वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हास्य के एक पात्र बनकर रह गए हैं।”
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने मोदी के भाषण की तारीफ करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा की गई घोषणाएं गरीबों के आवास को मजबूत प्रोत्साहन प्रदान करेगी।–आईएएनएस
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