रायपुर, 15 जुलाई। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के ग्राम पारेमेर घुटरूपारा की नव प्रसूता को एक पुलिस जवान ने अपने सहयोगी की मदद से आवागमन की कठिनाई के बावजूद सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया। महिला ने रास्ते में ही एक पेड़ की आड़ में बच्चे को जन्म दे दिया था।
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के थाना कापू अंतर्गत पहाड़ और जंगल के बीच बसा है ग्राम पारेमेर घुटरूपारा। इस गांव में बरसात के दिनों में चार पहिया वाहन का पहुंचना मुश्किल है। ऐसे में घुटरूपारा में एक गर्भवती महिला का दर्द उठना परिवार के लिए मुसीबत बन गया।
प्रसव पीड़ा शुरू होने के बाद परिवार के लोगों ने 28 साल की गर्भवती सुष्मिता को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए डायल 112 को मदद के लिए काल किया। कालर ने महिला को प्रसव पीड़ा होने की जानकारी दी। डायल 112 ड्यूटी में तैनात आरक्षक विपिन किशोर खलखो और ईआरवी वाहन चालक छोटू दास तुरंत रवाना होगए ।
गर्भवती महिला के घर वाहन ले जाने के लिए सड़क नहीं थी। आरक्षक प्रबल किशोर और वाहन चालक छोटू दास पैदल ही महिला के घर पहुंचे।
गर्भवती महिला की स्थिति को देखकर बिना देरी किये आरक्षक प्रबल किशोर ने कावड़ से प्रसव पीड़ित महिला को वाहन तक ले जाने के लिए घरवालों को राजी किया और स्वयं एक युवक के साथ कांवर में महिला को उठाकर डायल 112 वाहन की ओर चल पड़ा।
गर्भवती महिला को कांवर में लेकर जवान करीब 03 कि.मी. पहाड़ी नाला को पार कर डायल 112 के वाहन तक पहुंचा और वाहन में बिठाकर अस्पताल के लिए रवाना हो गया। लेकिन रास्ते में ही गर्भवती महिला को अत्यधिक पीड़ा होने से जवान ने सूझबूझ का परिचय देते हुए वाहन पेड़ की आड़ में खड़ा कराया, जहां मितानिन और महिला के परिजन ने बपर्दा गर्भवती महिला का सुरक्षित प्रसव कराया गया।
प्रसव के बाद जच्चा बच्चा को डायल 112 वाहन से तत्काल नजदीकी शासकीय अस्पताल जमरगा में दाखिल किया गया जहां दोनों स्वस्थ हैं।
स्थानीय लोगों ने ऐसी स्थिति में डायल 112 के त्वरित सहायता पहुँचाने के लिए पुलिस की सराहना की है।
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