प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के बलिया में 1 मई, 2016 को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरूआत की थी। बाद में 14 अगस्त, 2016 को पश्चिम बंगाल में स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर इस योजना को कोलकाता में नजरूल मंच से शुरू किया गया। देशभर के गांवों को धुआं रहित बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने को साकार बनाने की दिशा में यह पहल की गई थी। अब यह योजना गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओं को सम्मान देने के अवसर के रूप में पहचान बना चुकी है। हर घर को एलपीजी कनेक्शन देने वाली यह योजना महिलाओं को एक विशेष पहचान तो देती ही है साथ ही धुआंरहित वातावरण, प्रदूषण में कमी और स्वस्थ जीवन देने में भी मील का पत्थर साबित हो रही है।
पश्चिम बंगाल में लगभग 2 करोड़ 3 लाख परिवार हैं, जिनमें से 1 करोड़ 6 लाख परिवारों को इस योजना से लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। इन परिवारों को 2019 तक प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत लाना है। तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के राज्य में दस बॉटलिंग प्लांट हैं और वर्तमान एलपीजी ग्राहकों के लिए इनकी संयुक्त क्षमता 990 टीएमटीपीए है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लक्ष्य को देखते हुए सभी तेल विपणन कंपनियां आने वाले दिनों में अपनी बॉटलिंग क्षमता को बढ़ाएंगी, जिससे कि एलपीजी सिलेंडर की बढ़ती हुई मांग को पूरा किया जा सके। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में पहले ही साढ़े छह लाख से ज्यादा लोग प्रतीक्षा सूची में हैं। सरकार ने सभी तेल कंपनियों को आदेश जारी कर सिलेंडरों, रेगुलेटरों और सहायक उपकरणों की पर्याप्त संख्या सुनिश्चित करने के लिए कहा है।
इस योजना को अधिक कारगर बनाने और बड़े स्तर पर लागू करने के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत लाभान्वितों को एलपीजी कनेक्शन बांटने के लिए विशेष उज्ज्वला मेलों का आयोजन भी किया जा रहा है। 15 अगस्त से 17 अगस्त, 2016 के बीच सभी एलपीजी वितरण केन्द्रों पर इन मेलों का आयोजन किया जा रहा है। सरकार के आदेश के अनुसार 70वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के मौके पर स्थानीय स्वतंत्रता सैनानी, पूर्व सैनिक और शहीद सैनिकों की विधवाओं को इन मेलों में आमंत्रित किया गया है।
इस योजना का मुख्य मंत्र है- स्वच्छ ईंधन, बेहतर जीवन- महिलाओं को मिला सम्मान। राष्ट्रीय स्तर पर अगले तीन सालों में गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को पांच करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिए जाएंगे। साथ ही यह योजना इन परिवारों को हर कनेक्शन पर 1600 रुपए की आर्थिक मदद भी देती है। इस योजना के तहत परिवार की महिला मुखिया के नाम पर कनेक्शन दिया जाएगा। तेल विपणन कंपनियां चूल्हे और सिलेंडर के पहले भराव पर ईएमआई की सुविधा भी प्रदान करेंगी।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब परिवारों में इस्तेमाल होने वाले हानिकारक ईंधनों की जगह स्वच्छ और अधिक प्रभावी एलपीजी ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है। विशेष तौर पर ग्रामीण भारत में महिला सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने के लिए बीपीएल परिवार की महिला के नाम पर ही इस योजना के अंतर्गत कनेक्शन दिया जाएगा। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय योजना के अंतर्गत पहचाने गए बीपीएल परिवारों का डाटा सामाजिक, आर्थिक जनगणना में उपलब्ध करा रहा है। इस योजना को आगे ले जाने और इसे जमीनी स्तर पर अधिक प्रभावी बनाने के लिए तेल विपणन कंपनियों ने जिला नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की है। ये अधिकारी इस योजना को हर जिले में लागू कराने में वाहक का काम करेंगे।
केन्द्र सरकार ने उज्ज्वला योजना को राष्ट्रीय स्तर पर लागू कराने के लिए पहले ही 2016-17 वित्त वर्ष में दो हजार करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। चालू वित्त वर्ष में सरकार लगभग 1 करोड़ 5 लाख बीपीएल परिवारों को एलपीजी कनेक्शन देगी। अगले तीन सालों में इस योजना के क्रियान्वयन के लिए सरकार ने आठ हजार करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है। गिव इट अप अभियान के तहत एलपीजी सब्सिडी में बचाई गई राशि इस योजना में इस्तेमाल की जा रही है। देश के इतिहास में पहली बार है कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने इस तरह की आसाधारण योजना लागू की है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का लक्ष्य महिलाओं को हानिकारक ईंधन से छुटकारा दिलाकर उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में आगे ले जाना है। इस योजना का अन्य उद्देश्य हानिकारक ईंधन से होने वाली मृत्यों की संख्या में कमी लाना है और साथ ही लोगों को अस्वच्छ ईंधन से घर में होने वाले वायु प्रदूषण से बचाना है।
गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों की महिला उज्ज्वला योजना केवाईसी आवेदन पत्र को भरकर इस योजना के लिए आवेदन कर सकती है। ऐसे आवेदकों को जरूरी दस्तावेजों के साथ दो पेज का आवेदन पत्र भरना होगा। इस आवेदन पत्र में पत्राचार विवरण, जन धन और अन्य बैंक खाता नंबर, आधार कार्ड नंबर इत्यादि भरना होगा। आवेदकों को किस तरह का सिलेंडर चाहिए यह बात भी इस फॉर्म में उल्लेखित करनी होगी, जैसे कि 14.2 किलोग्राम या फिर 5 किलोग्राम का सिलेंडर। उज्ज्वला योजना के लिए केवाईसी एप्लीकेशन फॉर्म डाउनलोड कर जरूरी दस्तावेजों के साथ नजदीकी एलपीजी आउटलेट पर जमा किया जा सकता है। इस फॉर्म के साथ जमा होने वाले जरूरी दस्तावेजों में निकाय अध्यक्ष या पंचायत प्रधान द्वारा जारी बीपीएल प्रमाण पत्र, बीपीएल राशन कार्ड, वोटर आई कार्ड या आधार कार्ड जैसे एक फोटो पहचान पत्र और आवेदक की हाल ही में खिंची गई पासपोर्ट साइज फोटो शामिल हैं।
भारत में 24 करोड़ से भी ज्यादा परिवार रहते हैं जिनमें से लगभग 10 करोड़ परिवार अभी भी एलपीजी गैस से वंचित हैं और इन लोगों को खाना पकाने के लिए लकड़ी, कोयला और गोबर पर निर्भर रहना पड़ता है। प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर इस योजना की शुरुआत के बाद यह योजना मई में उत्तर प्रदेश, राजस्थान एवं गुजरात और जून 2016 में उत्तराखंड, ओडिशा और बिहार में लागू की गई। पिछले रविवार को पश्चिम बंगाल में इस योजना के राज्य स्तर पर लागू होने से पहले ही पिछले महीने इस योजना का शुभारंभ मध्य प्रदेश में किया गया था।
–अजय महामिया, उप-निदेशक (मीडिया एवं कम्युनिकेशन), पीआईबी, कोलकाता
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