नई दिल्ली, 11 अप्रैल। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अप्रैल-जून 2024 मौसम के लिए चक्रवात पूर्व अभ्यास आयोजित किया।
आईएमडी के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने कहा, “भारत के पास सर्वश्रेष्ठ पूर्व चेतावनी प्रणाली और मौसम पूर्वानुमान मॉडल में से एक है।”
उन्होंने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और भारतीय सशस्त्र बलों जैसे सेना, नौसेना वायु सेना, तट रक्षक आदि के निरंतर सहयोग के साथ-साथ चक्रवात पूर्वानुमान में हाल के दिनों में आईएमडी की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
डॉ. महापात्र ने बताया कि आईएमडी ने पिछले दशक के पूर्वानुमानों की तुलना में 50 प्रतिशत से अधिक की सटीकता के साथ एक स्वदेशी ‘निर्णय सहायक प्रणाली’ विकसित की है।
उन्होंने यह भी साझा किया कि मौसम परिवर्तन की निरंतर निगरानी करने और तदनुसार स्थान विशिष्ट सलाह जारी करने के लिए एक मल्टीमॉडल सामूहिक प्रभाव प्रणाली तैनात की जा रही है।
उन्होंने चेतावनी जारी करने के लिए आईएमडी द्वारा विकसित विभिन्न मोबाइल ऐप पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने स्पष्ट रूप से उल्लेख किया कि एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफ़ेस (एपीआई) अन्य संगठनों के उपयोग के लिए उपलब्ध कराया गया है। आईएमडी के महानिदेशक ने कहा, “तैयारी के कारण चक्रवात बिपरजॉय के दौरान कोई हताहत नहीं हुआ।”
इस बैठक के दौरान डीजी आईएमडी ने बताया कि राष्ट्रीय चक्रवात जोखिम शमन परियोजना (एनसीआरएमपी) के तहत राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने स्थान विशिष्ट पूर्वानुमान के लिए एक वेब-आधारित डायनेमिक कम्पोजिट रिस्क एटलस (वेब-डीसीआरए) विकसित की है, जो जिला आपदा प्रबंधकों को उपलब्ध कराई जा रही है।
जैसा कि आईएमडी अपनी स्थापना और राष्ट्र की सेवा के 150वें वर्ष का जश्न मना रहा है, डॉ. महापात्र ने विश्वास व्यक्त किया कि आईएमडी नई ऊंचाइयों को छूने और अत्याधुनिक तकनीक और शिक्षा जगत, अनुसंधान एवं विकास संस्थानों, सार्वजनिक निजी भागीदारी और हितधारकों के सहयोग से “ हर हर मौसम और हर घर मौसम” की जानकारी किसी भी समय और कहीं भी पहुंचाने के लिए तैयार है।
Follow @JansamacharNews