मध्यप्रदेश के वन मंत्री उमंग सिंघार ने आज प्रमुख वन संरक्षक यू. प्रकाशम को प्रदेश में प्रवासी पक्षियों (migratory birds) की सुरक्षा के लिये हर संभव सतर्कता बरतने के निर्देश दिये।
सिंघार ने कहा कि हालाँकि मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में राजस्थान की तरह पर्यावरणीय और भौगोलिक स्थितियाँ नहीं हैं, फिर भी राजस्थान में प्रवासी पक्षियों (migratory birds) की हजारों की तादाद में हुई मृत्यु के मद्देनजर सभी जरूरी ऐहतियाती कदम उठाये जाये।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में हर साल अक्टूबर से दिसम्बर के मध्य लाखों की तादाद में प्रवासी पक्षी (migratory birds) आते हैं।
अधिकतर साइबेरिया ( Siberia) से आने वाले ये पक्षी ठण्ड के कारण हिमालय की ऊँचाइयों को भी पार कर भारत और मध्यप्रदेश पहुँचते हैं।
मध्यप्रदेश के भोपाल सहित सभी जलीय क्षेत्रों, बाँधों के बेक वाटर, शिवपुरी, इंदौर आदि स्थानों परप्रवासी पक्षी (migratory birds) चार-पाँच माह के लिये डेरा डालते हैं।
प्रदेश में ठण्ड शुरू होने के साथ ही अलग-अलग जत्थों में अक्टूबर से तरह-तरह के प्रवासी पक्षियों (migratory birds)का आना शुरू हो जाता है।
प्रवासी पक्षियों (migratory birds) में सुर्खाब (रड्डी शेल डक), कॉमन पिगमेंट टील, व्हाइट टील, बारहेडेड टील, गूज, नकटा, पिंक टेल, पिंक हेडेड डक आदि पक्षी प्रमुख रूप से शामिल हैं।
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