केन्द्र सरकार की भारतमाता परियोजना के लिए छत्तीसगढ़ में भी तैयारी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने रायपुर में 01 नवम्बर 2017 को अपने निवास कार्यालय में समीक्षा बैठक ली। इस परियोजना के तहत छत्तीसगढ़ में प्रथम चरण में सात हजार करोड़ की लागत से पांच सड़कें बनेगी, जिसकी कुल लम्बाई 436 किलोमीटर होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतमाला परियोजना राष्ट्र की एक महात्वाकांक्षी योजना है। इसमें प्रदेश तीन इकॉनामिक कॉरीडोर से जुड़ेगा। राजधानी सहित पहुंच शहरों को यातायात के दबाव से मुक्ति मिलेगी, जिससे आमजनता को राहत मिलेगी। प्रदेश का पूरे देश के साथ कनेक्टिीविटी आसान होगी। व्यापार में वृध्दि होगी, आर्थिक-औद्योगिक गतिविधि में तेजी आएगी और छत्तीसगढ़ प्रगति की राह में तेजी से आगे बढ़ेगा। उन्होंने अधिकारियों को इस योजना के शीघ्र क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए।
बैठक में बताया गया कि पहला कॉरीडोर मुम्बई-कोलकाता के तहत दुर्ग, रायपुर, आरंग रोड का निर्माण किया जाएगा। इसमें दुर्ग से आरंग तक 100 किमी की लम्बाई का 6 लेन सड़क का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ रायपुर बायपास सड़क का भी निर्माण होगा। इससे रायपुर शहर में यातायात के दबाव कमी आएगी।
दूसरे इकानॉमिक कारिडोर रायपुर-धनबाद के अंतर्गत बिलासपुर से ऊरगा 77.4 किलोमीटर और उरगा से पत्थलगांव तक 105 किलोमीटर की 4 लेन सड़क का निर्माण किया जाएगा।
तीसरे इकानामिक कारिडोर में रायपुर से विशाखापट्टनम मार्ग कुरूद से आंधप्रदेश सीमा पर गुटखेल तक 120 किमी सड़क का निर्माण किया जाएगा।
इसके अलावा सरायपाली-रायगढ़ सड़क का निर्माण होगा, जिसके तहत सरायपाली सड़क को सारंगढ़ से जोड़ने के लिए 33.65 किमी 4 लेन सड़क का निर्माण किया जाएगा।
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