मानसून आने से पहले ही मध्यप्रदेश में बाढ़ से निपटने की तैयारी

भोपाल, 16 मई (जनसमा)। मध्यप्रदेश में मानसून के सक्रिय होने से पहले ही बाढ़ से निपटने की रणनीति बनने लगी है। बाढ़ संभावित जिलों में 15 जून या मानसून की वर्षा शुरू होते ही कंट्रोल-रूम स्थापित हो जाएंगे। राज्य स्तर का कंट्रोल-रूम राहत आयुक्त कार्यालय में खुलेगा।

प्रमुख सचिव राजस्व एवं राहत आयुक्त अरूण पाण्डेय ने मंगलवार को अधीनस्थों को निर्देश दिए हैं कि बाढ़ से बचाव एवं राहत के लिए जिला स्तर पर एक्शन प्लान पहले से तैयार कर लें। बाढ़ की संभावना होते ही कंट्रोल-रूम 24 घंटे खोल के रखें। दैनिक वर्षा की जानकारी संचालक मौसम केन्द्र को भेजें। बाढ़ से बचाव के उपकरण वोट आदि को दुरूस्त करवा लें। वोट के साथ प्रशिक्षित जवानों को भी तैनात करें।

फोटो : मध्यप्रदेश के बैतूल में जुलाई 2016 में आई बाढ़ का एक दृश्य। (आईएएनएस)

पाण्डेय ने कहा है कि बाढ़ की स्थिति में जरूरत के अनुसार पुलिस बल एवं होमगार्ड की मदद ली जाए। बाढ़ संभावित जिलों के कलेक्टर, सेना में निकटस्थ छावनी के अधिकारियों से निरंतर सम्पर्क बनाए रखें, जिससे बाढ़ बचाव कार्य में सेना की सहायता जल्द उपलब्ध हो सके।

राहत आयुक्त ने कहा है कि जलाशयों से पानी छोड़ने पर विशेष ध्यान रखा जाए। दुर्गम क्षेत्रों में वर्षा के पहले खाद्य सामग्री एवं जीवन रक्षक दवाइयाँ भंडारित करें। निजी स्त्रोतों से मिल सकने वाली बाढ़ बचाव सामग्री की भी जानकारी रखें। नाले-नालियों की सफाई करवायें। बरसात में जल मग्न होने वाली सड़कों एवं पुलियों पर चेतावनी बोर्ड लगवायें। चेतावनी का उल्लघंन करने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध कार्रवाई करें।