दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के सौ साल पूरे होने के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 22 सितंबर, शनिवार को दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, मद्रास के ‘शतमानोत्सव समारोह’ का उद्घाटन करेंगे।
समारोह का आयोजन नई दिल्ली के विज्ञान भवन में किया गया है।
समारोह की अध्यक्षता न्यायमूर्ति शिवराज वी. पाटिल करेंगे। वे हिंदी प्रचार सभा के अध्यक्ष एवं कुलाधिपति हैं।
दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के प्रशासक के. दीनबंधु ने बताया कि दक्षिण भारत के राज्यों में हिंदी के प्रचार.प्रसार के लिए दक्षिण भारत हिंदी शिक्षण के साथ-साथ लोकनागरण का काम भी कर रही है।
उन्होंने बताया कि तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना आदि राज्यों में हिन्दी तेजी से बढ़ रही है।
दक्षिण में हिन्दी शिक्षण – प्रशिक्षण का काम कर रहे विद्वान् प्रो. प्रदीप के शर्मा ने बताया कि दक्षिण के राज्यों में इस समय हजारों की संख्या में ऐसे लोग है जिन्होंने हिन्दी में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। यहां करोड़ों की संख्या में विद्यार्थी हिंदी सीख रहे हैं।
हिंदी शिक्षण के बारे में प्रो. शर्मा ने बताया कि तमिलनाडु की प्रमुख यूनिवर्सिटी जैसे अन्नामलाई, मद्रास यूनिवर्सिटी, हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी, कर्नाटक यूनिवर्सिटी ,गोवा, सेलम में विनायक यूनिवर्सिटी, धारवाड़ यूनिवर्सिटी आदि में हिंदी पढ़ाई जा रही है और छात्र पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे हैं।
प्रो. शर्मा के अनुसार तमिलनाडु में अब तक दस हजार से ज्यादा लोग पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुके हैं। इनमें 25 डी लिट की उपाधि धारक भी हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि 12 स्टडी सर्किल हैं जो पोस्ट ग्रेजुएशन करने वालों का मार्गदर्शन करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि हिन्दी के 11 बी एड कॉलेज भी हैं।
प्रो. शर्मा ने यह भी बताया कि दक्षिण भारत में हिंदी में पोस्ट ग्रेजुएशन करने की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री की प्रेरणा से 2 अक्टूबर 1964 को शुरू हुई थी। दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा राष्ट्रीय एकता में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।
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