काठमांडू, 3 नवंबर | नेपाल की यात्रा क्रम में भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने यहां गुरुवार को पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की।
पशुपतिनाथ क्षेत्र विकास ट्रस्ट (पीएडीटी) के मुताबिक, राष्ट्रपति मुखर्जी ने एक लाख बत्तियां जलाईं और पंचामृत छिड़का।
परंपरा के अनुसार, 108 हिंदू लड़कों ने मंदिर परिसर में मंत्रोच्चारण करके और पारंपरिक नेपाली और नेवाड़ी संगीत वाद्य यंत्र ‘थाइम’ और ‘पंचई’ बजाकर मुखर्जी का स्वागत किया।
मंदिर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
मुखर्जी बुधवार को काठमांडू पहुंचे थे। पिछले 18 वर्षो में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली नेपाल यात्रा है।
काठमांडू यूनिवर्सिटी मुखर्जी को डी.लिट् की उपाधि प्रदान करेगी। वह ऐसी मानद उपाधि ग्रहण करने वाले तीसरे व्यक्ति होंगे। उनसे पहले कर्ण सिंह (भारत) और सत्य मोहन जोशी को यह उपाधि दी जा चुकी है।
समारोह के बाद राजधानी में काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी द्वारा मुखर्जी का नागरिक अभिनंदन किया जाएगा।
उसके बाद वह इंडिया फाउंडेशन और नेपाल पॉलिसी रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित नेपाल-भारत वार्ता के समापन समारोह को संबोधित करेंगे। समारोह में दोनों देशों के राजनयिक और विशेषज्ञ शामिल होंगे, जो द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने के लिए उपाय सुझाएंगे।
समारोह के बाद राष्ट्रपति आंदोलन कर रहे मधेसियों सहित विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से मुलाकात करेंगे।
इस मुलाकात के बाद राष्ट्रपति मुखर्जी प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल द्वारा आयोजित भोज में शामिल होंगे। –आईएएनएस
===अनिल गिरि
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