नई दिल्ली, 22 मई (जनसमा)। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, राधा मोहन सिंह के संज्ञान में लाया गया है कि ओड़िशा राज्य में प्याज के मूल्यों में भारी गिरावट आई है और मण्डियों में प्याज 3-4 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है, जिससे कि किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। श्री सिंह ने कहा कि ओड़िशा राज्य सरकार ने आज तक प्याज की खरीद करने के लिए बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत कोई भी प्रस्ताव भारत सरकार के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया है।
सिंह ने जानकारी दी कि ऐसी स्थिति में किसानों को वाजिब मूल्य दिलाने के लिए भारत सरकार की एक योजना है जिसका नाम है बाजार हस्तक्षेप योजना (MIS)। इस योजना के तहत अगर सामान्य वर्ष की तुलना में पैदावार में 10% से ज्यादा की वृद्धि होती है या बाजार मूल्य में 10% से ज्यादा गिरावट आती है तब राज्य सरकार के प्रस्ताव पर भारत सरकार उन जिन्सों का जिनके लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण नहीं होता, उनको क्रय करने का आदेश देती है।
इस योजना के तहत राज्य और केन्द्र सरकार नुकसान का बोझा बराबर (50:50) वहन करते हैं। सिंह ने यह भी बताया कि इस योजना के तहत पिछले एक साल में कर्नाटक राज्य में सुपाड़ी, आंध्र एवं तेलंगाना में मिर्चा, आंध्र और तमिलनाडु में ऑयलपाम और उत्तर प्रदेश में आलू क्रय करने का अनुमोदन दिया गया है। हाल ही में उत्तर प्रदेश में इस योजना के तहत आलू की खरीद से बाजार मूल्य में भी वृद्धि हुई और किसानों को पैदावार लागत प्राप्त हुई है।
सिंह ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि ओड़िशा राज्य सरकार किसानों को वाजिब दाम दिलाने में होने वाले वित्तीय बोझ को वहन नहीं करना चाहती। इसी कारण से शायद आज तक प्याज की खरीद करने के लिए बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत कोई भी प्रस्ताव भारत सरकार के समक्ष राज्य सरकार ने प्रस्तुत नहीं किया है।
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