कोच्चि, केरल, 17 जनवरी। कोच्चि, केरल में कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) में न्यू ड्राई डॉक (एनडीडी), सीएसएल की अंतर्राष्ट्रीय जहाज मरम्मत सुविधा (आईएसआरएफ) और पुथुविपिन में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के एलपीजी आयात टर्मिनल जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया। इन परियोजनाओं की कुल लागत 4,000 करोड़ रुपये से अधिक है ।
प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाएं भारत के बंदरगाहों, शिपिंग और जलमार्ग क्षेत्र को बदलने और क्षमता और आत्मनिर्भरता बनाने के प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जहाज निर्माण, जहाज मरम्मत और एलपीजी आयात टर्मिनल जैसी अन्य परियोजनाएं भी केरल और देश के दक्षिणी क्षेत्र में विकास को गति देंगी।
उन्होंने कोच्चि शिपयार्ड के साथ ‘मेड इन इंडिया’ विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के निर्माण का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि नई सुविधाओं से शिपयार्ड की क्षमताएं कई गुना बढ़ जाएंगी।
प्रधान मंत्री ने पिछले 10 वर्षों में बंदरगाहों, शिपिंग और जलमार्ग क्षेत्र में किए गए सुधारों पर प्रकाश डाला और कहा कि इनसे नए निवेश आए हैं और भारत के बंदरगाहों में रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय नाविकों से संबंधित नियमों में सुधार के कारण देश में नाविकों की संख्या में 140 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के भीतर अंतर्देशीय जलमार्गों के उपयोग से यात्री और माल परिवहन को काफी बढ़ावा मिला है।
मोदी ने कहा कि नया ड्राई डॉक भारत का राष्ट्रीय गौरव है. इससे न केवल बड़े जहाज उतर सकेंगे बल्कि जहाज निर्माण और जहाज मरम्मत का काम भी यहीं संभव हो सकेगा, परिणामस्वरूप विदेशों पर निर्भरता कम होगी और विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी।
उन्होंने कहा, “कोच्चि शिपयार्ड भारत को हाइड्रोजन ईंधन आधारित परिवहन की ओर ले जाने के हमारे मिशन को और मजबूत करता है। मुझे विश्वास है कि जल्द ही देश को स्वदेशी हाइड्रोजन फ्यूल सेल फेरी भी मिल जाएगी।”
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