प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुजरात के द्वारका में ओखा मुख्य भूमि और बेट द्वारका द्वीप को जोड़ने वाले लगभग 980 करोड़ रुपये की लागत से बने देश के सबसे लंबे केबल पुल सुदर्शन सेतु को राष्ट्र को समर्पित किया।
यह देश का सबसे लंबा लगभग 2.32 किमी लंबा केबल-आधारित पुल है।
सुदर्शन सेतु का निर्माण एक अद्वितीय डिजाइन पर आधारित है, जिसमें दोनों तरफ श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों और भगवान श्रीकृष्ण की छवियों से सुसज्जित एक फुटपाथ है। फुटपाथ के ऊपरी हिस्से पर सौर पैनल भी लगाए गए हैं, जिससे एक मेगावाट बिजली पैदा होती है।
यह पुल परिवहन को आसान बनाएगा और द्वारका और बेट-द्वारका के बीच यात्रा करने वाले भक्तों के दर्शन में लगने वाले समय को काफी कम कर देगा। पुल के निर्माण से पहले, तीर्थयात्रियों को बेट द्वारका तक पहुंचने के लिए नाव परिवहन पर निर्भर रहना पड़ता था। यह प्रतिष्ठित पुल देवभूमि द्वारका का एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण भी होगा।
प्रधानमंत्री ने वाडिनार में पाइपलाइन परियोजना को समर्पित किया जिसमें मौजूदा अपतटीय लाइनों को बदलना, वर्तमान पाइपलाइन एंड मैनिफोल्ड (पीएलईएम) को छोड़ना और पूरे सिस्टम (पाइपलाइन, पीएलईएम और इंटरकनेक्टिंग लूप लाइन) को पास के नए स्थान पर स्थानांतरित करना शामिल है। प्रधानमंत्री ने राजकोट-ओखा, राजकोट-जेतलसर-सोमनाथ और जेतलसर-वांसजालिया रेल विद्युतीकरण परियोजनाओं का भी लोकार्पण किया।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग-927डी के धोराजी-जामकंडोरना-कलावाड खंड के चौड़ीकरण, जामनगर में क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र और सिक्का थर्मल पावर स्टेशन में फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन (एफजीडी) प्रणाली की स्थापना की आधारशिला रखी।
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