कश्मीर समस्या का समाधान संविधान के दायरे में हो : मोदी

नई दिल्ली, 22 अगस्त | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान के दायरे में जम्मू एवं कश्मीर समस्या का स्थायी समाधान खोजने के लिए बातचीत पर सोमवार को जोर दिया। जम्मू एवं कश्मीर के विपक्षी दलों के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात में मोदी ने कहा कि विगत पांच सप्ताहों से कश्मीर में उपद्रवों के दौरान हुई मौतों से वह व्यथित हैं।

बैठक के बाद जारी एक आधिकारिक बयान में मोदी ने कहा, “उपद्रवों के दौरान जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई है, वे हमारे अपने, हमारे राष्ट्र के हैं। चाहे ये खोई हुई जिंदगियां हमारे युवाओं की रही हो, या सुरक्षाकर्मियों व पुलिस की, इससे हम व्यथित हैं।”

जम्मू एवं कश्मीर की वर्तमान स्थिति पर प्रधानमंत्री ने गहरी चिंता और पीड़ा जाहिर की।

मोदी ने कहा, “वार्ता होनी चाहिए और हमें संविधान के दायरे में समस्या का कोई स्थाई हल खोजना चाहिए।”

बयान के अनुसार, मोदी ने पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल से कहा, “उनकी सरकार और देश जम्मू एवं कश्मीर के लोगों के साथ है और उन्होंने सुझाव दिया कि सभी राजनीतिक दलों को लोगों के पास जाना चाहिए और यही बात उन्हें (लोग) प्रेषित करनी चाहिए।”

प्रधानमंत्री ने राज्य और वहां के लोगों के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई और सामान्य स्थिति बहाल करने की अपील की।

मोदी ने बैठक में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के सुझावों की सराहना की।

यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब कश्मीर घाटी में लगातार 45वें दिन कर्फ्यू जारी है। गत आठ जुलाई को सुरक्षा बलों के हाथों विद्रोही कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से पत्थरबाजी कर रहे आजादी समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पों के कारण कश्मीर घाटी अशांत है।

सप्ताहों से उपद्रवों के दौरान कम से कम 68 लोगों की मौत हुई है और ‘पैलेट गन’ से हजारों लोग घायल हुए हैं।                 –आईएएनएस