Protest

ऊना अस्पताल में डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए धरना

शिमला 12, सितंबर।  जिला ऊना के क्षेत्रीय अस्पताल में डॉक्टरों की कमी दूर करने को लेकर ऊना की सात स्वयंसेवी संस्थाओं ने शिमला में धरना दिया। क्षेत्रीय अस्पताल में डॉक्टरों व नर्सिंग स्टाफ की कमी के चलते रोगियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

शिवसेना हिंद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवदत्त विशिष्ट की अध्यक्षता में ऊना जनहित मोर्चा, बालाजी क्रांति सेना, विद्यार्थी समाज सेवा दल, यूनिवर्सल ब्लड डोनर ग्रुप, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, स्वतंत्र किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों ऊना की खराब स्वास्थ्य सुविधाओ के मुद्दे को जोरदार ढंग से उठाया।

स्वयं सेवी संस्थाएं ऊना में दो धरने दे चुकी हैं। वही मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को भी ज्ञापन सौंपा जा चुके है, बावजूद इसके कोई हल न निकलनेपर संस्थाओं ने शिमला में करीब 3 घंटे धरना दिया। इस दौरान स्वयंसेवी संस्थाओं ने प्रदेश सरकार के विरुद्ध जोरदार नारेबाजी की और ऊना के हक की आवाज को बुलंद ढंग से उठाया।

ऊना जनहित मोर्चा के अध्यक्ष राजीव भनोट में अपने संबोधन में कहा कि क्षेत्रीय अस्पताल में 24 पोस्ट स्वीकृत है, जबकि वर्तमान में महज 16 डॉक्टर कार्यरत हैं। उन्होंने कहा 8 पद डॉक्टरों के रिक्त चल रहे हैं। नर्सिंग स्टाफ , चालक व क्लास फोर की कमी है। जिसके कारण क्षेत्रीय अस्पताल में रोगियों को आए दिन काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सुविधाओं की कमी के कारण रोगियों को रेफर किया जाता है। अस्पताल की आधुनिक मशीनें खराब पड़ी है। इन्हें ठीक करने की कोई जहमत नहीं उठाई जा रही है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के समक्ष  मांग है कि जल्द से जल्द क्षेत्रीय अस्पताल में स्वीकृत स्टाफ को पूरा किया जाए।

भनोट ने कहा कि क्षेत्रीय अस्पताल में 200 बेड है, जबकि स्टाफ सिर्फ 100 बैड का है और वह भी पूरा नहीं है। यदि कमी पूरी नहीं की गई तो आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री के उना जिला के दौरे के दौरान सभी संस्थाएं काले झंडे लगा कर रोष प्रदर्शन करेंगे।

शिव दत्त वशिष्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 3 साल पहले क्षेत्रीय अस्पताल में 300 बैड की क्षमता करने की घोषणा की थी। उस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अनेक डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ का तबादला किया गया है और उन्हें रोका नहीं किया है। एक महिला चिकित्सक का तबादला बार बार किया जा रहा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने की ओर कदम उठाए । इस अवसर पर पंकज कतना, विशिष्ट कालिया, परविंदर सिंह, बलविंदर कुमार गोल्डी, भाग सिंह व राज कुमार पठानिया ने भी जिला की बदतर होती स्वास्थ्य सेवाओं पर अपने विचार रखते हुए प्रदेश सरकार को चेताया कि जल्दी मांगे न मानी गई तो संघर्ष तेज होगा।

स्वयंसेवी संस्थाओं को ऊना अस्पताल की अव्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के आवास पर धरना देना था, लेकिन जिला  प्रशासन ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने देने की इजाजत नहीं दी। जिसके कारण जिलाधीश कार्यालय शिमला के बाहर धरना देना पडा।