नागरिकों के कम्प्यूटरों में रिकॉर्ड सूचनाओं की जांच का अधिकार खुफिया एजेंसियों को देने के सरकार के आदेश के खिलाफ विपक्ष ने संसद में शुक्रवार 21 दिसंबर को जोरदार विरोध किया।
भोजनावकाश के बाद राज्य सभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने गृह मंत्रालय के आदेश पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि यह देश में अघोषित आपातकाल जैसा है।
सदन के नेता और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि यह आदेश राष्ट्रीय सुरक्षा, लोक व्यवस्था और देश की अखण्डता के खतरे को देखते हुए जारी किया गया है।
जेटली ने स्पष्ट किया कि सरकार ने उसी कार्यकारी आदेश को जारी किया है जो 2009 में यूपीए सरकार ने अधिसूचित किया था।
सरकार ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि किसी भी कम्प्यूटर को खंगाले जाने या निगरानी और जांच से जुड़े प्रत्येक मामले के लिए सक्षम अधिकारी यानि केन्द्रीय गृह सचिव द्वारा मंजूरी प्राप्त करनी होगी।
सूचना प्रौद्योगिकी,सूचना खंगालने, निगरानी करने और जांच करने की प्रक्रिया और सुरक्षा नियमावली 2009 के अनुसार राज्य सरकारों में भी सक्षम अधिकारी के पास ये शक्तियां उपलब्ध हैं।
विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि वैधानिक आदेश 20 दिसंबर, 2018 के द्वारा किसी सुरक्षा अथवा कानून का अमल करने वाली एजेंसी को कोई नया अधिकार नहीं दिया गया है।
विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि
- सूचना प्रौद्योगिकी (सूचना खंगालने, निगरानी करने और जांच करने हेतु प्रक्रिया और सुरक्षा) नियमावली 2009 के नियम 22 के अनुसार, खंगालने अथवा निगरानी करने अथवा जांच करने के ऐसे सभी मामले को मंत्रिमंडल सचिव की अध्यक्षता में समीक्षा समिति में रखना होगा, जिसकी ऐसे मामले की समीक्षा के लिए दो माह में कम से कम एक बार बैठक होगी। राज्य सरकारों के मामले में ऐसे मामले की समीक्षा संबंधित मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा की जाएगी।
- वैधानिक आदेश दिनांक 20.12.2018 से निम्नलिखित रूप में मदद मिलेगीः
- यह सुनिश्चित करना कि किसी कम्प्यूटर संसाधन के माध्यम से किसी सूचना को खंगाले जाने, निगरानी करने अथवा जांच करने का कार्य यथोचित कानूनी प्रक्रिया के साथ किया गया है।
- इन शक्तियों का प्रयोग करने के लिए अधिकृत एजेंसियों के बारे में और किसी एजेंसी, व्यक्ति अथवा मध्यवर्ती द्वारा इन शक्तियों का किसी रूप में अनधिकृत इस्तेमाल की रोकथाम के बारे में अधिसूचना जारी करना।
- उपर्युक्त अधिसूचना यह सुनिश्चित करेगी कि कम्प्यूटर संसाधन को कानूनी तरीके से खंगाला गया है अथवा निगरानी की गई है और इस दौरान कानून के प्रावधानों का पालन किया गया है।