नई दिल्ली, 11 मई (जनसमा)। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़छाड़ के आरोपों पर निर्वाचन आयोग की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक शुक्रवार को यहां शुरू हो गई है। इससे पूर्व गुरूवार को आम आदमी पार्टी (आप) ने एक बार फिर आयोग को चुनौती देते हुए कहा कि अगर मौका मिलेगा, तो वह साबित कर देगी कि विधानसभा चुनावों में किसी खास पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से किस प्रकार छेड़छाड़ की गई। आप के विधायक सौरभ भारद्वाज ने निर्वाचन आयोग से ईवीएम की जांच के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों तथा निर्वाचन आयोग के विशेषज्ञों का एक पैनल बनाने का आग्रह किया।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल हुई ईवीएम में से कोई एक मशीन अगर मुहैया करायी जाये तो पार्टी के विशेषज्ञ उसे हैक करने के अपने आरोपों को सही साबित करके दिखा देंगे। भारद्वाज ने संवाददाताओं से कहा, “पैनल के समक्ष हम यह दिखा देंगे और साबित कर देंगे कि रोम (रीड ओन्ली मेमरी) की मदद से किस प्रकार ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है।”
उन्होंने कहा कि ईवीएम का रोम देखकर यह बता सकते हैं कि किस पार्टी के किसी खास मतदाता को वोट दिया गया और किस अनुक्रम में मतदान किया गया। भारद्वाज ने कहा कि प्रस्तावित पैनल कोई भी पांच बूथ को चुन सकता है, जहां हेरफेर होने का शक हो।
प्रत्येक बूथ के एक मतदाता से न्यायिक दंडाधिकारी बंद कमरे में जिरह कर सकते हैं और पूछेंगे कि उसने किस पार्टी को वोट दिया।
उल्लेखनीय है कि आप ने पंजाब और गोवा विधानसभा तथा हालिया दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनावों में उसके निराशाजनक प्रदर्शन के बाद ईवीएम का मुद्दा उठाया है। आप के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को यहां चुनाव आयोग मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और आगामी चुनावों में वीवीपीएटी युक्त ईवीएम इस्तेमाल करने की मांग की।
भारद्वाज ने कहा, “हम ईवीएम के रोम को पढ़कर यह बता सकते हैं कि मतदाता का मत किस पार्टी को गया और अगर उसका बयान (उसने जिस पार्टी को वोट दिया) ईवीएम से मिलता है, तो समझिए छेड़छाड़ नहीं हुई। और अगर ऐसा नहीं होता है, तो हमारी बात (वोटिंग मशीन के साथ छेड़छाड़) साबित हो जाती है।”
आप की यह चुनौती तब आई है जब पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज द्वारा मंगलवार को दिल्ली विधानसभा में ईवीएम जैसी दिखने वाली एक मशीन का प्रदर्शन किया गया जिसमें उन्होंने बताया था कि कोड तथा मदरबोर्ड को बदलकर किस प्रकार ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है।
उन्होंने कहा, “निर्वाचन आयोग कहता रहा है कि ईवीएम किसी नेटवर्क से जुड़ा नहीं है, इसलिए इसके साथ छेड़छाड़ संभव नहीं है, लेकिन हमने दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को एक सीक्रेट कोड से एक डुप्लिकेट ईवीएम में छेड़छाड़ करके दिखा दिया।”
आप नेता ने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ को लेकर उनका संदेह तब और पुख्ता हुआ, जब महाराष्ट्र निकाय चुनाव में एक प्रत्याशी ने दावा किया कि मतदान के दौरान उसके द्वारा दिया गया एक वोट भी उसे नहीं मिला।
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