पटना, 6 दिसंबर | बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को अपने पहले ‘लोक संवाद’ कार्यक्रम के तहत बिजली, पानी और सड़क से संबंधित लोगों की समस्याएं और सुझाव सुने। प्रत्येक माह में पहले तीन सोमवार को मुख्यमंत्री का यह लोक संवाद कार्यक्रम होगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक संवाद कार्यक्रम के आयोजन से लोकतंत्र में लोगों का विश्वास बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि लोक संवाद कार्यक्रम जन शिकायतों के निवारण की प्रक्रिया है।
‘लोक संवाद’ कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में लोग अपनी राय देंगे।
उन्होंने कहा, “कोई नया ‘आइडिया’ लेकर आता है, तो वह भी सुनना है। लेागों की राय जानने के लिए यह बहुत उपयुक्त फोरम है। इससे नई बातों की जानकारी होगी तथा क्षेत्र में हो रहे कार्यो का ‘फीडबैक’ मिलेगा। इससे राज-काज और बेहतर होगा।”
महीने के पहले सोमवार को मुख्यमंत्री ने सड़क, भवन, बिजली, पेयजल, सिंचाई सहित कई अन्य विभागों से संबंधित लोगों के सुझाव सुने। इस क्रम में मुख्यमंत्री ने कई लोगों के सुझाव मिलने के बाद संबंधित अधिकारियों को कई निर्देश भी दिए।
यह कार्यक्रम ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम की जगह शुरू किया गया है।
सरकार ने इससे पहले लोक संवाद कार्यक्रम के लिए सुझाव आमंत्रित किए थे। इन सुझावों को विभागवार बांट कर लोगों को कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था। मुख्यमंत्री ने सबकी बातों और सुझावों पर गौर किया और संबंधित विभाग के अधिकारियों को समस्याओं से निपटने का आदेश दिया।
इस कार्यक्रम में कई मंत्री अैर अधिकारी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने नोटबंदी की चर्चा करते हुए कहा कि अकेले नोटबंदी से बहुत कुछ हासिल होने वाला नहीं है। केंद्र सरकार को बेनामी संपत्ति पर ‘हिट’ करना चाहिए। अभी इसके लिए सही समय है, इसके बिना लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
कैशलेस अर्थव्यवस्था के विषय में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा, “आज दुनिया कैशलेस अर्थव्यस्था की ओर बढ़ रही है। पूरे तौर पर भारत में कैशलेस अर्थव्यस्था नहीं चल सकती। यहां की जो परिस्थिति है, वह अलग है। शत-प्रतिशत कैशलेस अथर्व्यवस्था एक कल्पना एवं विचार हो सकता है।”
–आईएएनएस
(फाइल फोटो )
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