सार्वजनिक क्षेत्र के बैकों के कामकाज की समीक्षा बैठक में कहा गया कि बैकों में हाल में डाली गई 55 हजार करोड़ रूपए की पूंजी से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (Public Sector Banks) ऋण जरूरतों ( Loan needs) को पूरा करने में पूरी तरह सक्षम हैं।
केन्द्रीय वित्त और कारपोरेट मामलो की मंत्री (Union Minister for Finance & Corporate Affairs) निर्मला सीतारामन (Nirmala Sitaraman) ने 14 अक्टूबर,2019 को नयी दिल्ली में सार्वजनिक क्षेत्र के बैकों (Public Sector Banks) के कामकाज की समीक्षा की।
सरकार का कहना है कि छोटे उद्यमों को कार्यशील पूंजी की दिक्कत नहीं आए इसका भी पूरा ध्यान रखा जाएगा।
बैठक में कर्ज ( Loan) दिए जाने तथा आर्थिक विकास को गति देने के लिए सरकार की ओर से किए गए उपायों की भी गहन समीक्षा की गई।
बैठक में इसके अतिरिक्ति आवास ऋण(Housing loan) ,वाहन ऋण (Vehicle loan) ,कृषि ऋण,शिक्षा ऋण और व्यक्ततिगत ऋणों के बारे में भी चर्चा की गई।
बैठक में इस बात का संज्ञान लिया गया कि एक से 9 अक्टूबर के बीच कस्टमर आउटरीच कार्यक्रम के तहत पहले चरण में पंजाब नेशनल बैंक ने 81781 करोड़ रूपए के नए ऋण (Loan) प्रदान किए जिसमें 34342 करोड़ रूपए के नए सावधि ऋण भी शामिल हैं।
दूसरे चरण के आउटरीच कार्यक्रम के तहत बैंको ने 21 अक्टूबर से 25 अक्टूबर के दौरान ऋण देने के लिए 150 जिलों में शिविर लगाने की अपनी योजना की जानकारी भी दी।
ऋण उपलबधता कार्यक्रम में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ भी भाग लेंगी इसलिए सूक्ष्म ,लघु और मझौले उद्यमों पर भी विशेष ध्यान रखा जाएगा।
ऐसे उद्यमों के करीब 40 हजार करोड़ रूपए के बकाया ऋण भुगतान के लिए कारपोरेट मामलों का मंत्रालय बैकों को बराबर की मदद करेगा।
सरकार का कहना है कि छोटे उद्यमों को कार्यशील पूंजी (Working capital) की दिक्कत नहीं आए इसका भी पूरा ध्यान रखा जाएगा।
बैकों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने जानकारी दी कि वे आशिंक ऋण योजना तथा उसके तहत जारी पूल बाइआट्स के तहत ऋण देना जारी रखेंगे।
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