देहरादून, 8 दिसंबर (जस)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने गुरूवार को कुल्लू में कोली कल्याण बोर्ड के 11वें वार्षिक सम्मेलन की अध्यक्षता करते हएु कहा कि जो लोग जातीय भेदभाव तथा विशेषकर स्कूलों में अनुसूचित जाति वर्ग के बच्चों के प्रति अलग व्यवहार प्रदर्शित करते हुए पाए जाऐंगे, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति ऐसे बच्चों के प्रति अपराध व भेदभाव में शामिल पाए जाएंगे, उन्हें तत्काल अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। यह नियम सभी सरकारी स्कूलों तथा अन्य शैक्षणिक संस्थानों पर भी लागू होती है।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि सभी बच्चे साथ-साथ बैठेगें, पढ़ेंगे तथा खाना भी खाएंगे और अगर कोई भी व्यक्ति जाति, रंग, क्षेत्र या धर्म के आधार पर इनके साथ भेदभाव करता पाया जाता है, तो उसे तुरन्त नौकरी से निष्कासित कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बारे सभी उपायुक्तों को निर्देश जारी किए कि उनके जिलों में ऐसी कोई भी घटना न घटित हो। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की कोई भी घटना घटती है, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा निर्धनों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की जा रही हैं तथा विभिन्न समुदायों के लिए कल्याण बोर्डों का भी गठन किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह समय चला गया, जब जाति के नाम पर भेदभाव किया जाता था तथा लोगों को धार्मिक स्थलों व कार्यक्रमों में सम्मिलित नहीं किया जाता था, परन्तु आज की स्थिति इससे काफी भिन्न है। प्रदेश के मन्दिर सभी के लिए खुले हैं। किसी भी क्षेत्र तथा धर्म के लोग सरकार द्वारा नियंत्रित किसी भी मन्दिर में पूर्जा-अर्चना कर सकते हैं। हिमाचल में कई प्रसिद्ध ‘शक्तिपीठ’ हैं तथा देश के कोने-कोने से लोग यहां पूजा-अर्चना करने आते हैं।
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