नई दिल्ली, 08 मई (जनसमा)। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने सोमवार को राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के सभी मुख्यमंत्रियों को मौसम से संबंधित आकस्मिकता को प्रबंधित करने की तैयारियों की समीक्षा के लिए पत्र लिखकर आग्रह किया है, ताकि अगर मौसम का कोई भी संभव अग्रिम प्रतिकूल प्रभाव किसानों पर हो तो असर को कम किया जा सके।
सिंह ने पत्र में लिखा है कि मौसम विभाग द्वारा खरीफ 2017 के दौरान मानसून से सम्बंधित प्रथम चरण का पूर्वानुमान जारी कर दिया गया है। मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार इस वर्ष दक्षिण पश्चिम मानसून अवधि में वर्षाताप दीर्धकालीन औसत की तुलना में 96% (±5%) रहने की संभावना है। मौसम विभाग द्वारा वर्षा की मात्रा तथा फैलाव के विषय में अधिक विस्तृत जानकारी जून माह में उपलब्ध कराई जायेगी I
राधा मोहन सिंह ने लिखा है कि वर्ष 2016-17 कृषि के दृटिकोण से संतोषप्रद रहा है। राज्य सरकारों के सहयोग से अच्छी वर्षा का लाभ लेकर देश के किसानो ने खाद्दान, दलहन, तिलहन, आदि फसलों में उत्पादन के नए एवं अभूतपूर्व कीर्तिमान स्थापित किये है। इसके बावजूद तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, पुदुचेरी तथा राजस्थान जैसे राज्यों / केंद्रशासित क्षेत्रो में मानसून के दौरान अल्पवर्षा के कारण सूखे की स्थिति उत्प्पन हुई। अतः यह आवशयक होगा कि समय से पहले वह सारे उपाए कर लिए जाए जो मानसून की विफलता से बनने वाली स्थिति को संभालने के लिए जरूरी हो।
केंद्रीय कृषि एंव किसान कल्याण मंत्री ने पत्र में याद दिलाया है कि गत वर्ष माननीय प्रधानमंत्रीजी ने 2015-16 के सूखाग्रस्त राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ अलग-अलग बैठक कर सूखे से जूझने के उपायों पर विस्तार से चर्चा की थी। सिंह को विश्वास है कि राज्य शासन द्वारा तदनुरूप मानसून के किसी भी विचलन का सामना करने के लिए वांछित रणनीति कर उसे कार्यान्वित करने की व्यवस्था कर ली गई होगी। सिंह ने निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदु विचारार्थ एंव कार्यवाही हेतू उल्लेखित किए हैं।
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