अलीगढ़, 27 फरवरी। अलीगढ़ विश्वविद्यालय में छात्राओं द्वारा पोछे गए एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि मेरी राय है कि महिलाएं क्या पहनती हैं यह उनकी जिम्मेदारी है। लड़कियां क्या पहनना चाहती हैं, उन्हें तय करने दें।
कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा इस समय उत्तर प्रदेश में है। इस बीच राहुल गांधी ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की छात्राओं से मुलाकात और बातचीत की। इस दौरान उन्होंने शिक्षण संस्थानों में छात्रों से शिक्षा, अधिकार, महिला सशक्तिकरण के साथ, भारत के राजनीतिक परिवेश में महिलाओं की भूमिका पर भी चर्चा की।
जब एक छात्रा ने राहुल गांधी से पूछा कि अगर वह भविष्य में देश के प्रधानमंत्री बनते हैं तो हिजाब पहनने वाली महिलाओं के बारे में उनकी क्या राय है? इस पर राहुल गांधी ने कहा कि मेरी राय है कि महिलाएं क्या पहनती हैं यह उनकी जिम्मेदारी है। वे क्या पहनेंगी या नहीं पहनेंगी यह उनका फैसला है। मुझे नहीं लगता कि किसी और को यह तय करना चाहिए कि आप क्या पहनेंगे।
इस बीच जब उनसे राजनीति में महिलाओं की भागीदारी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राजनीति और बिजनेस में महिलाओं का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है। इसके लिए सभी राजनीतिक दलों को सोचना होगा कि वे महिला उम्मीदवारों को ज्यादा से ज्यादा मौका दें। पार्टियों को महिलाओं को प्रोत्साहित करना चाहिए. हमारे देश की राजनीतिक संरचना में महिलाओं को शामिल करना होगा।
राहुल गांधी ने कहा कि स्थानीय स्तर पर राजनीति में अभी भी महिलाओं की मौजूदगी है, वे ग्राम प्रधान या पार्षद के स्तर तक पहुंच जाती हैं, लेकिन उससे ऊपर जब विधायक या सांसद की बात आती है तो महिलाएं कम ही नजर आती हैं। ऐसे में महिलाओं को प्रोत्साहित करना होगा।
अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के एक छात्र ने असम में एनआरसी को लेकर सवाल पूछा। राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी देश के कानूनों को हथियार बनाकर उनका दुरुपयोग कर रही है। वह भेदभाव की राजनीति कर रही है और इससे किसी को फायदा नहीं हो रहा है।
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