नई दिल्ली, 3 सितंबर | गुजरे जमाने के दिग्गज अभिनेता राज कपूर की विश्वभर में लोकप्रियता की चर्चा करते हुए ऋषि कपूर ने कहा कि उनके पिता को एक बार रूस आने का आमंत्रण मिला था और वह बिना वीजा के दस देश गए। वहां उनका काफी स्वागत हुआ था। उस समय राज कपूर का ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ के लिए एक रूसी सर्कस मंडली के साथ बातचीत चल रही थी।
ब्रिक्स फिल्मोत्सव के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए राजधानी पहुंचे ऋषि को सिनेमा जगत में उनके तथा उनके परिवार के अतुलनीय योगदान के लिए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और विदेश राज्यमंत्री जनरल वी.के. सिंह ने सम्मानित किया।
इस सम्मान को स्वीकार करने के दौरान ऋषि को काफी भावुक देखा गया और उन्होंने अपने पिता से जुड़ी कुछ यादों को साझा किया।
उन्होंने बताया कि ‘मेरा नाम जोकर’ फिल्म बनाने के दौरान वह रूस की सर्कस मंडली के साथ बात कर रहे थे, जब वह लंदन से अचानक मॉस्को चले गए। उस वक्त रूस को सोवियत संघ कहा जाता था।
ऋषि ने बताया कि राज बिना वीजा के मॉस्को गए थे। इसके बावजूद भी उनका स्वागत किया गया।
एक और किस्सा साझा करते हुए ऋषि ने बताया कि 1980 के मध्य में देश के चीन के साथ संबंध कुछ खास नहीं थे। इसलिए, पड़ोसी देश ने भारतीय सरकार से राज को उनके देश यात्रा के लिए आमंत्रित करने के लिए कहा।
ऋषि ने बताया कि मंत्रालय ने जब इस बारे में राज से बात की, तो वह काफी उत्साहित हुए। हालांकि, वह चीन नहीं जा पाए।
भारत में आठवें ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान कई चीजों के आयोजन की योजना के बारे में चर्चा की गई और ब्रिक्स फिल्मोत्सव उनमें से एक था।
इसके बाद भारत में पहले ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) फिल्मोत्सव का आयोजन हो रहा है।
इस फिल्मोत्सव का आगाज कुणाल कपूर की फिल्म ‘वीरम’ से शुक्रवार को हुआ था और इसका समापन छह सितंबर को जैकी चान की फिल्म ‘स्किपट्रैस’ के प्रदर्शन के साथ होगा। –आईएएनएस
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