राजस्थान देश में जैव ईंधन नीति (Biofuel policy) लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है।
उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि राज्य जैव ईंधन नीति (Biofuel policy) नियम-2019 जारी किए जाने के साथ ही प्रदेश मेें नई बायोफ्यूल क्रान्ति का सूत्रपात हो गया है।
जैव ईंधन नीति (Biofuel policy) 2019 भी एक ऎसा ही कदम है जिससे प्रदेश में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
पायलट शुक्रवार को जयपुर में शास्त्रीनगर स्थित साइंस पार्क सभागार में विश्व जैव ईंधन (Biofuel) दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में बोल रहे थे।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में 82 प्रतिशत जीवाश्म ईंधन बाहर से आता है। यह देश की अर्थव्यवस्था और करदाताओं पर बड़ा भार है।
पायलट ने कहा कि हम जैव ईंधन का उपयोग कर जीवाश्म ईंधन का जितना कम उपयोग करेंगे, उतनी ही पर्यावरण की रक्षा होगी व विदेशी मुद्रा बचेगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
अभी प्रदेश में 1250 करोड़ लीटर जीवाश्म ईंधन काम लिया जा रहा है इसका मात्र 5 प्रतिशत ही जैव ईंधन (Biofuel) काम लेना हो तो प्रदेश में 62 करोड़ लीटर जैव ईंधन का उत्पादन करना होगा। यह प्रदेशवासियों के हित में बहुत बड़ा अवसर है।
अभी डीजल में 20 प्रतिशत बायोफ्यूल मिलाया जा सकता है। राजस्थान सर्वाधिक क्षेत्रफल वाला राज्य है जहां जैव ईधन (Biofuel ) का उत्पादन बड़ी मात्रा मे संभव है।
जैव ईंधन (Biofuel) का उत्पादन, व्यवसाय एवं उपभोग सभी फायदेमंद है।
जैव ईंधन नीति का सोशल मीडिया, समाचार पत्रों, विद्यार्थियों को प्रेरित कर ज्यादा से ज्यादा प्रचार किया जाना चाहिए।
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