जयपुर, 29 नवम्बर (जस)। राजस्थान के सुदूर गांवों एवं ढ़ाणियों के सहकारी बैंकों से जुड़े किसानों को ‘कहीं भी-कभी भी बैंकिंग’ की सुविधा प्रदान होगी और इसके लिए ईएमवी (यूरोपे मास्टर वीजा) चिप एवं पिन आधारित 11 लाख 56 हजार डेबिट कार्ड एवं 15 लाख 40 हजार किसान कार्ड सहित कुल 26 लाख 96 हजार कार्ड जारी होंगे। इसके लिए नाबार्ड कंसलटेंसी सर्विसेज लि. (नेबकॉन्स) से सेवाएं लेने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई है।
राजस्थान के सहकारिता राज्य मंत्री अजय सिंह किलक ने यह जानकारी मंगलवार को दी। उन्होंंने बताया कि ईएमवी चिप एवं पिन आधारित कार्ड ऎसा अत्यानधुनिक तकनीक युक्त स्मार्ट कार्ड है जो सभी प्रकार के फ्रॉड से सुरक्षित है। बदलते हुए आर्थिक परिदृश्य एवं डिमोनेटाईजेशन के कारण आ रही समस्याओं के स्थाई एवं प्रभावी निराकरण के लिए राज्य् में वित्तीय समावेशन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए यह कदम उठाए गए हैं।
किलक ने बताया कि राज्य के समस्त जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों एवं राज्य सहकारी बैंक के सभी एटीएम को 2 लाख से अधिक एटीएम के नेटवर्क के साथ नेशनल फाईनेंसियल स्विच (एन.एफ.एस.) से जोड़ दिए गए हैं। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिसके माध्यम से सहकारी किसानों की एनीवेह्यर बैंकिंग की आवश्यकता पूरी हो पाएगी।
उन्होंंने बताया कि अब सहकारी बैंकों के माध्यम से गांवों एवं ढ़ाणियों में नकद आहरण, नकद जमा, कोषों का स्थाानान्तरण, मिनी स्टेटमेंट एवं बैलेंस इन्क्वायरी आदि की सुविधा को विस्तारित करने के लिए बिजनेस करस्पोंडेंटस् नियुक्त किए गए हैं। 27 नवम्बर, 2016 तक राज्य में कुल 14 हजार 765 बिजनेस करस्पोंंडेंटस् को केओ कोड जारी किए जा चुके हैं तथा इनके माध्यम से राशि 107 करोड़ रुपए से अधिक का वित्तीेय लेन-देन किया जा चुका है।
अजय सिंह किलक ने बताया कि रूपे कार्ड आधारित भुगतान को सुनिश्चित करने हेतु 270 माईक्रो एटीएम स्थाापित किए जा चुके हैं तथा नाबार्ड के सहयोग से 1 हजार 459 माईक्रो एटीएम स्थापित किए जा रहे हैं।
Follow @JansamacharNews