जयपुर, 29 अक्टूबर (जस)। रणथम्भौर, सरिस्का एवं मुकून्दरा हिल्स बाघ परियोजना के कोर एवं बफर जोन में स्थित गांवों तथा टाईगर रिजर्व की सीमा से सटे गांवों के 40 हजार परिवारों को राजस्थान सरकार 100 प्रतिशत अनुदान पर एलपीजी गैस कनेक्शन उपलब्ध कराएगी। सरकार के इस कदम से संरक्षित क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों की महिलाओं को जलाऊ लकड़ी एकत्र करने जंगल जाने से निजात मिलेगी और वन्य जीवों के प्राकृतिक आवास भी संरक्षित रहेंगे।
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने वर्ष 2016-17 के बजट भाषण में टाईगर रिजर्व क्षेत्र एवं आसपास के गांवोें में नए गैस कनेक्शन में 100 प्रतिशत अनुदान देने और इस वित्तीय वर्ष में 40 हजार गैस कनेक्शन जारी करने की घोषणा की थी। राजे की इस बजट घोषणा की क्रियान्विति में राज्य सरकार ने ‘जलाऊ लकड़ी मुक्त ग्राम योजना‘ के तहत इन परिवारों को गैस कनेक्शन देने के लिए कार्य योजना बनाई है।
स्वच्छ र्इंधन के उपयोग से प्रदूषण में कमी आएगी और चूल्हे के धुएं से महिलाओं को होने वाली स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से भी मुक्ति मिलेगी। साथ ही महिलाओं के जलाऊ लकड़ी काटने के लिए जंगल जाने में बर्बाद होने वाले समय की बचत होगी और वे सामाजिक-आर्थिक रूप से मजबूत बनेंगी।
गैस कनेक्शन प्राप्त करने से पहले लाभान्वित परिवारों को पारिस्थितिकीय विकास समिति या ग्राम पंचायत ‘कुल्हाड़ी बंद‘ का संकल्प पत्र भरवाएगी, जिसमें उन्हें यह संकल्प करना होगा कि परिवार का कोई भी सदस्य वन क्षेत्र में लकड़ी काटने नहीं जाएगा। इसके अलावा यह भी संकल्प लेंगे कि परिवार के सदस्य वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण में पूर्णतः सहयोग करेंगे।
योजना के तहत लक्षित समूह के प्रत्येक परिवार को गैस कनेक्शन दिया जाएगा, जिसकी शत-प्रतिशत वास्तविक लागत राशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी और इसकी अधिकतम सीमा 5 हजार रुपए होगी। ‘जलाऊ लकड़ी मुक्त ग्राम योजना‘ को ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना‘ से डवटेल किया जाएगा और ऎसे परिवार जो उज्ज्वला योजना में गैस कनेक्शन के पात्र हैं, उन्हें दोनों योजनाओं में देय अनुदान राशि की अंतर राशि स्वीकृत की जाएगी।
(फाइल फोटो)
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