राजस्थान के राज्यपाल ने गार्ड आॅफ आॅनर पर विराम लगाया। राज्यपाल कल्याण सिंह ने कहा कि गार्ड आॅफ आॅनर के प्रावधान उनके लिए नहीं किये जाएं।
उन्होंने इस सम्बन्ध में राज्य सरकार को अपनी इच्छा से अवगत करा दिया है।
राज्यपाल सिंह की ओर से राज्य सरकार को इस आशय का पत्र भी भेज दिया गया है।
राज्यपाल सिंह ने इस कदम की शुरूआत 9 जून से कर दी है। अपनी 9 से 11 जून की जोधपुर यात्रा के दौरान राज्यपाल ने स्वयं के लिए गार्ड आॅफ आॅनर की परम्परा को विराम दे दिया ।
राज्यपाल सिंह ने गार्ड आॅफ आॅनर नहीं लेने की अपनी इच्छा व्यक्त करते हुए राज्य सरकार को गत 01 जनवरी 2018 को पत्र भेजा था।
पत्र में सिंह ने पूछा ’’क्या राजभवन में आगमन व प्रस्थान के वक्त और राज्य में जिलों के दौरे के दौरान आगमन व विदाई के समय सम्मान हेतु दिये जाने वाले गार्ड आॅफ आॅनर की परम्परा/प्रोटोकाॅल को समाप्त किया जा सकता है?’’
राज्यपाल ने इस सम्बन्ध में गृह विभाग से नियमों/ प्रक्रियाओं के सम्बन्ध में पूर्ण विवेचन के साथ टिप्पणी मांगी थी।
राज्य सरकार के गृह विभाग की ओर से 11 मई 2018 को भेजे जवाब में कहा गया ’’माननीय राज्यपाल महोदय की इच्छा के अनुरूप उन्हें प्रदान किये जाने वाले गार्ड आॅफ आॅनर (सम्मान गार्ड) की प्रथा को समाप्त किया जा सकता है।’’
राज्यपाल सिंह ने राज्य सरकार की इस टिप्पणी के आधार पर गार्ड आॅफ आॅनर की प्रथा को समाप्त करने के लिए 13 जून को अपनी सहमति प्रदान कर दी। राज्यपाल की इस सहमति से राज्य सरकार को अवगत कराने के लिए 14 जून को पत्र भेज दिया गया। अब राज्यपाल के लिए राजभवन से प्रस्थान व आगमन और विभिन्न जिलों के दौरों के दौरान गार्ड आॅफ आॅनर के प्रावधान नहीं किये जायेंगे।
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