जयपुर, 12 सितम्बर (जस)। राजस्थान के गृह मंत्री गुलाबचन्द कटारिया ने बालिका शिक्षा के विस्तार और लोक जागरुकता को सामाजिक एवं आर्थिक विकास का सशक्त जरिया बताते हुए कहा है कि व्यक्तित्व विकास से लेकर सामुदायिक एवं समग्र आंचलिक विकास की धाराओं को इसी के माध्यम से तीव्रतर किया जा सकता है। कटारिया ने रविवार को उदयपुर के रेलवे ट्रेनिंग समागार में राजस्थान महिला परिषद के 70 वें स्थापना दिवस समारोह के मुख्य अतिथि पद से संबोधित करते हुए यह विचार व्यक्त किए।
गृह मंत्री ने स्वतंत्रता सेनानी स्व. शान्ता त्रिवेदी एवं परशराम त्रिवेदी का स्मरण किया और उनके द्वारा बालिका शिक्षा के क्षेत्र में ऎतिहासिक पहल की चर्चा करते हुए कहा कि जिस समय बालिका शिक्षा को अभिशाप समझा जाता था, राजस्थान की साक्षरता दर 3 प्रतिशत थी उस समय बालिका शिक्षा के लिये ठोस प्रयास किए और राजस्थान महिला परिषद की नींव रखी और इस दिशा में उपलब्धियों की श्रृंखला का सराहनीय सूत्रपात किया।
कटारिया ने कहा कि स्व. शांता त्रिवेदी द्वारा राजस्थान महिला परिषद की स्थापना एवं सैकड़ों आदिवासी बालिकाओं को संस्था परिसर में छात्रावास खोल कर शिक्षा की अलख जगाई है। इसी का परिणाम है कि आज कई आदिवासी बालिकाएं डॉक्टर, ऑफीसर बनी हैं। यह इसी संस्था की देन है। यह संस्था बच्चों का संस्कार निर्माण करने वाली संस्था है, इस संस्था के लिये हरसंभव सहयोग देंगे।
गृह मंत्री कटारिया ने संस्था की ओर से उत्कृष्ट कार्य के लिये प्रमिला उप्पल, प्रकाशचन्द्र सिसोदिया, गोपाल गौड़, प्रकाश चन्द्र सालवी, विजयलक्ष्मी जैन आदि को सम्मानित किया गया। बालिका छात्रावास का उद्घाटन गृह मंत्री गुलाबचन्द कटारिया ने रविवार को उदयपुर के गांधी ग्राउण्ड के समीप राजस्थान महिला परिषद परिसर में विधायक मद से निर्मित छात्रावास भवन का फीता काट कर उद्घाटन किया तथा पट्टिका का अनावरण किया। गृह मंत्री ने 160 छात्राओं की क्षमता वाले इस छात्रावास का अवलोकन किया और सराहा।
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