रसोई उत्सव Rasoi festivals में जयपुराइट्स राजस्थान के विभिन्न इलाकों में बनने वाले व्यंजनों का भरपूर आनन्द ले रहे हैं।
जयपुर में जल महल के सामने राजस्थान हाट पर चल रहे ‘रसोई 2019ः स्वाद राजस्थान का’ उत्सव अपने अंतिम पायदान पर पंहुच गया है। रसोई उत्सव का रविवार को अंतिम दिन रहेगा।
गंगापुर का खीर मोहन, चौमू की बर्फी, दौसा के डोयटे, सांगानेर का घेवर, पुष्कर के मालपुएं, लहरियां गुलाब जामुन समोसे, महाबीर रबड़ी आदि मौके पर ही तैयार होने से खरीदारों द्वारा इन्हें हाथोंहाथ लिया जा रहा हैंA
रसोई उत्सव में इसके अलावा जैसलमेर के घोटुवा और पंचधारी लड्डू,, पोखरण के गाल के लड्डू के साथ ही नमकीन की खरीदारी जोरों से हो रही है।
जयपुराइट्स के चाट-चटकारों की चाहत को देखते हुए रसोई उत्सव Rasoi festivals में व्यंजन के शेखावाटी के दही बड़े, कांजी बड़े, जोधपुर के मिर्च बड़े, सांगानेर की दालमोठ, नसीराबाद के कचोड़ा, गोलगप्पों के चटकारें लगाए जा रहे हैं।
रसोई उत्सव में में पंजाबी ढ़ाबा भी लोगों को अपनी और खींच रहा है वहीं चौखी ढ़ाणीकी स्टॉलों पर जयपुराइट्स लंच और डीनर का आनंद ले रहे हैं।
महाबीर की रबड़ी के साथ ही बेजड़ की रोटी और आलू प्याज की सब्जी पंसद की जा रही है। दाल बाटी चूरमा रसोई उत्सव में आने वाले लोगों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।
रसोई उत्सव Rasoi festivals में आने वाले जयपुराइट्स की अवेयरनेस के लिए तेल और मसालों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है और राइटअप के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी गई है।
विदेशों में निर्यात कर रहे श्याम धनी के रामावतार अग्रवाल और ऑयल फैडरेशन के अध्यक्ष मनोज मुरारका ने बताया कि रसोई उत्सव के रेस्पांस से प्रतिभागी उत्साहित है और चाहते हैं कि इस तरह के सालाना आयोजन होने चाहिए।
रसोई उत्सव में में साबुत और पिसे हुए मसाले व मसालों की पिसाई के लिए चक्की भी लगाई गई है। चाक पर मिट्टी के पात्र बनाए जा रहे हैं वहीं घाणी लगाने के साथ ही लोहे के बरतन भी रखे गए हैं।
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