
श्रीमती राजे ने कपड़े पर तैयार की जाने वाली इस चित्रशैली को सराहा तथा चित्रकारों से उनकी कला के बारे में चर्चा की और कहा कि महिला चित्रकारों को अपने काम में अधिक बारीकी लाने तथा रंगों के साथ नए प्रयोग करने की जरूरत है।
उन्होंने प्रतापगढ़ जिला कलक्टर श्रीमती नेहा गिरी को जिले की परम्परागत मांडल शैली के चित्रों और कांठल कला को जोगी आर्ट की तर्ज पर प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए।
कलक्टर ने बताया कि इस चित्रकला के प्रोत्साहन के लिए राजीविका और जिला प्रशासन मिलकर महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों को प्रशिक्षित कर रहे हैं। वर्तमान में 10 स्वयं सहायता समूहों की 40 सदस्यों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इन चित्रों की ऑनलाइन मॉकेटिंग की योजना भी तैयार की गई है।
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