राम भक्तों ने कहा अयोध्या में अब राम के अलावा कुछ भी स्वीकार्य नहीं

Ram devotees in Ayodhyaभगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या में रामजन्मभूमि का विभाजन अस्वीकार्य है. अयोध्या में अब राम के अलावा कुछ भी स्वीकार्य नहीं।

यह चेतावनी धर्माचार्यों, संतों, विहिप,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और राम भक्तों ने रविवार को अयोध्या में दी।

श्री राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास, रामानंदाचार्य रामभद्राचार्य जी, स्वामी हंसदेवाचार्य, वासुदेवाचार्य युग पुरुष परमानंद तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल , विहिप उपाध्यक्ष चम्पतराय ने कहा कि अब अयोध्या में राम के अलावा कुछ भी स्वीकार्य नहीं।

विश्व हिन्दू परिषद् द्वारा आज 25 नवंबर 2018 को नई दिल्ली में जारी प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी गई है कि अयोध्या, नागपुर, मेंगलूरु, हुबली, गुवाहाटी व शाहजहांपुर समेत देश में अनेक स्थानों पर आयोजित धर्मसभाओं में संतों, धर्माचार्यों, विहिप पदाधिकारियों व अन्य राम भक्तों ने केन्द्र सरकार से श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की बाधाओं को अबिलम्ब दूर करने की मांग की है।

विश्व हिन्दू परिषद् द्वारा नागपुर में बुलाई गई धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन राव भागवत ने केंद्र सरकार को श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण हेतु अविलम्ब कानून बनाने की अपनी मांग दोहराते हुए कहा कि सदियों से प्रतीक्षारत हिन्दू समाज अब और बिलंब नहीं चाहता।

इसी मंच से विहिप कार्याध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने संसदीय कानून का विरोध करने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि न्यायालय में विषय लंबित होते हुए भी कानून बनाने में किसी भी प्रकार की अड़चन नहीं है। लोकतंत्र में संसद का जन.हित में कानून बनाने का अधिकार क्षेत्र असीमित है। इसमें और किसी प्रकार का विचार या विलम्ब हिन्दू समाज के लिए पीड़ादायक होगा।

राम जन्मभूमि आन्दोलन के प्रारम्भ से जुडी साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि जिस दिन माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने मात्र तीन मिनिट में बिना किसी पक्षकार को सुने श्रीराम जन्मभूमि मामले की सुनवाई तीन महीने के लिए बिना बेंच के गठन के ही यह कह कर टाल दी कि इसकी अभी कोई जल्दी नहीं है, हिन्दू समाज स्वयं को ठगा हुए सा महसूस करने लगा है।

स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि जन्मभूमि स्थानांतरित नहीं हो सकती। उन्होंने पूछा कि देश के लिए कोर्ट है या कोर्ट के लिए लिए देश है।

सभा की अध्यक्षता करते हुए जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि भगवान श्रीराम के यूँ तो असंख्य मंदिर हैं किन्तु जन्मभूमि का मंदिर तो जन्म भूमि पर ही बनेगा इसमें देर असहनीय है।

हुबली में हुई धर्म सभा में स्वामी अखिलेश्वरानन्द गिरी जी महाराज, स्वामी बसवालिंग महास्वामी, सिध्द शिवयोगी जी, जैन मुनि ज्योतिषाचार्य डाॅ हेम चन्द्र सूरीश्वर के अलावा विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री केशव हेगड़े तथा प्रांत संगठन मंत्री केशव राजू ने रामजन्म भूमि पर भव्य मन्दिर हेतु संसद द्वारा कानून बनाने की मांग करते हुए कहा कि अब हिन्दू समाज की भावनाओं का सम्मान सभी राजनैतिक लोगों को करना ही होगा।

मेंगलूरू की धर्मसभा में वीरेन्द्र हेगड़े व बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक सोहन सिंह सोलंकी ने कहा कि जन्मभूमि पर मंदिर के अलावा न कुछ स्वीकार्य है और न ही इसमें किसी भी प्रकार की देरी अब और बर्दास्त होगी। बजरंग दल के युवा अब भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण हेतु पूज्य संतो के आदेशों के पालन हेतु कृत संकल्पित है।