रोहतक, , 28 अगस्त (जनसमा)| दो पूर्व शिष्याओं के साथ दुष्कर्म मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को 20 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। शुरुआत की खबरों में दस साल की सजा की सूचना मिली थी।
50 वर्षीय स्वयंभू गॉडमैन के खिलाफ दुष्कर्म मामले में शिकायत 2002 में दर्ज की गई थी किन्तु दुष्कर्म 1999 में किये गये थे।
यह सजा रोहतक की सुनारिया जेल में सीबीआई की विशेष अदालत में जज जगदीप सिंह ने सुनाई। ये सजाएं धारा 376, 509 और 506 के तहत सुनाई गई है। धारा 376 रेप के मामले में, धारा 509 महिलाओं का अपमान करने तथा 506 जान से मारने की धमकी के अपराध में सजाएं सुनाई गई हैं। साथ ही 30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
अपने फैसले में न्यायाधीश जगदीप सिंह ने कहा कि जुर्माने की राशि में से ही प्रत्येक पीड़िता को 14-14 लाख रुपये बतौर मुआवजा दिया जाए।
समाचारों में कहा गया है कि गुरमीत राम रहीम ने जज के आगे जोड़े हाथ माफी मांगी और अपने अच्छे कामों का हवाला भी दिया। टीवी खबरों में यह भी कहा गया का अपराधी बाबा अदालत में रो रहा था। सजा मिलने के बाद कोर्ट में ही बैठ गया राम रहीम ।
बाबा के समर्थकों ने सिरसा के फुल्का में दो गाड़ियां फूंक दी है।
इस बात को भुलाया नहीं जासकता कि पंचकूला में शुक्रवार को अदालत द्वारा डेरा प्रमुख को दोषी करार दिए जाने के बाद हरियाणा में व्यापक हिंसा फैल गई थी, जिसमें 38 लोगों की मौत हो गई और 264 लोग घायल हो गए।
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