रायपुर, 07 मार्च। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने मंगलवार को यहां विधानसभा परिसर स्थित अपने कार्यालय में अपनी सरकार के नये वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट पर फेसबुक के माध्यम से जनता के सवालों के जवाब दिए। डॉ. सिंह ने कहा कि आपसे छत्तीसगढ़ बजट-2017 पर चर्चा कर बहुत अच्छा लगा। प्रदेश के युवा मुझसे छत्तीसगढ़ के विकास की चर्चा करते हैं तो मुझे बेहद खुशी होती है। भविष्य में भी आपसे मैं इसी तरह अन्य विषयों पर भी चर्चा करूंगा।
फेसबुक प्रश्नोत्तरी के इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री से जितेन्द्र पारख ने यह जानना चाहा कि बजट में नक्सल समस्या के उन्मूलन के लिए क्या कदम उठाए गए हैं ? इस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि प्रदेश के सुदूर आदिवासी क्षेत्रों में अधोसंरचना उन्नयन हमारी सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है। बस्तर तथा सरगुजा क्षेत्र में 10 हजार करोड़ की लागत से दो हजार 400 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही इन क्षेत्रों में बिजली, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी के नेटवर्क का विस्तार किया जा रहा है। बस्तर अंचल में लगभग 480 गांवों का विद्युतीकरण किया जा रहा है। संचार व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए 146 नये मोबाइल टावर लगाए जाएंगे और 800 किलोमीटर ऑप्टिकल फाईबर बिछाए जाएंगे।
सौरभ जायवाल ने महिलाओें के लिए बजट प्रावधानों के बारे में जानकारी मांगी। मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि निर्धन बालिकाओं के लिए कॉलेज स्तर तक निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत नौ लाख महिलाओं को दो सौ रूपए के पंजीयन पर डबल बर्नर गैस चूल्हा और सिलेण्डर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस हेल्पलाईन नम्बर 112 की शुरूआत की गई है।
प्रवीण शर्मा द्वारा बजट में तेन्दूपत्ता समर्थन के बारे में पूछे गए प्रावधानों के संबंध में मुख्यमंत्री ने बताया कि तेन्दूपता संग्रहण की पारिश्रमिक दर 1500 रूपए से बढ़कर 1800 रूपए प्रति मानक बोरा कर दी गई है। इससे प्रदेश के लगभग 12 लाख 55 हजार तेन्दूपत्ता संग्राहक परिवार लाभान्वित होंगे। अन्य कई नागरिकों ने मुख्यमंत्री से कई सवाल किए, जिनका डॉ. सिंह ने सिलसिलेवार विस्तार से उत्तर दिया।
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