जनता को सस्ता व सुलभ न्याय दिला रही छत्तीसगढ़ सरकार : रमन

रायपुर, 3 सितम्बर (जस)। छत्तीसगढ़ में सस्ता व सुलभ न्याय दिलाने व संविधान में प्रदत्त मूलभूत अधिकारों को आम जनता तक पहुंचाने के लिए सरकार कार्य कर रही है। नक्सल,  आंतक व भय से मुक्ति तथा निर्दोषों को न्याय दिलाने के लिए सरकार वचनबद्ध है। विशेषकर बस्तर में पीड़ितों को तेजी से न्याय दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। इसमें विधिक सेवा प्राधिकरणों की अहम भूमिका है। यह उद्गार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने शनिवार को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर में आयोजित पूर्वी क्षेत्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों के क्षेत्रीय सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में व्यक्त किए।

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के सभागृह में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, बिहार, झारखण्ड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, अंडमान निकोबार और उत्तराखण्ड राज्यों के राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों का दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इसका उद्घाटन सत्र आज मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की उपस्थिति में संपन्न हुआ।

इस अवसर पर डॉ. रमन सिंह ने कहा कि दूरस्थ क्षेत्र में रहने वाला व्यक्ति नहीं जानता कि उन्हें न्याय कैसे मिलेगा। विधिक सेवा प्राधिकरण न्याय का एक फोरम है, यह एक बड़ा विश्वास समाज को देता है। समाज में अपराध को रोकने के साथ-साथ यह भी प्रयास हो कि कोई अपराधी न बनें। न्याय प्रक्रिया की पहली सीढ़ी भूखे व्यक्ति के लिए खाने की व्यवस्था करना है। इसके लिए सरकार ने खाद्य सुरक्षा कानून बनाकर एक व दो रूपये किलो में चावल उपलब्ध कराकर भूख को कम करने का प्रयास किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 32 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जनजाति और 12 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जातियों की है। राज्य के 44 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे है। लोगों की एक आम धारणा है कि न्याय उसे मिलता है जिसके पास पैसा और ताकत है। गरीब और शोषित लोगों को न्याय दिलाने की अवधारणा के साथ विधिक सेवा प्राधिकरण कार्य कर रहा है। हम त्वरित न्याय की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। सड़क, स्कूल जैसे विकास तो हो जाते हैं। लेकिन जिनके घर जले, बच्चे अनाथ हुए, महिलाएं विधवा हुई उन्हें न्याय दिलाना और उनके कल्याण के लिए कार्य करना सरकार की पहली प्राथमिकता है।