नई दिल्ली, 15 नवंबर | टाटा समूह में शीर्ष पद पर नियंत्रण को लेकर मची खींचतान के बीच टाटा संस के अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा ने मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की। इस बैठक के बाद किसी ने कुछ भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
करीब आधे घंटे तक चली बैठक के बाद रतन टाटा ने कहा, “अभी बात करना मेरे लिए सहज नहीं है।”
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, टाटा समूह में रतन टाटा और पद से हटा दिए गए पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री के बीच चल रही खींचतान पर मंत्रालय भी चिंतित है।
वित्त मंत्रालय मामले से संबद्ध सभी हितधारकों के हितों की रक्षा चाहता है।
टाटा समूह की कंपनी टाटा मोटर्स में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 26.11 प्रतिशत है, जबकि बीमा कंपनियों की हिस्सेदारी 10.36 फीसदी है।
टाटा समूह की एक अन्य प्रमुख कंपनी टाटा स्टील में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 12.8 प्रतिशत, एचडीएफसी का हिस्सेदारी 4.65 प्रतिशत और अन्य बीमा कंपनियों की हिस्सेदारी 19.39 प्रतिशत है।
टाटा समूह में चल रहे इस विवाद में नया नाटकीय मोड़ देखने को मिला, जब टाटा समूह की कई कंपनियों के स्वतंत्र निदेशक, पद से हटा दिए गए मिस्त्री के समर्थन में आ गए। इस बीच टाटा संस ने अपनी पांच सबसे बड़ी कंपनियों- इंडियन होटल्स, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा केमिकल्स और टाटा कंस्लटेंसी सर्विसेज- के शेयरधारकों की बैठक बुलाई है।
टाटा संस चाहता है कि मिस्त्री को इस सभी कंपनियों के बोर्ड से भी हटाया जाए।–आईएएनएस
(फाइल फोटो)
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