मुंबई, 8 फरवरी | देश के केंद्रीय बैंक ने बुधवार को अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है और इसे 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा है। शीर्ष बैंक ने मुद्रास्फीति के डर और वैश्विक अनिश्चिताओं को देखते हुए यह फैसला किया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने वित्त वर्ष 2016-17 की छठी और अंतिम मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर या वाणिज्यिक बैंकों के लिए अल्पकालिक उधारी दर को 6.25 फीसदी पर यथावत रखा है।
वहीं, रिवर्स रेपो दर में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह 5.75 फीसदी पर बनी रहेगी।
आरबीआई ने अपनी छठी द्विमासिक मौद्रिक नीति बयान में कहा, “वर्तमान और उभरती व्यापक आर्थिक स्थिति के आकलन के आधार पर आज की बैठक में एमपीसी ने तरलता समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत रेपो दर को 6.25 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है।”
बयान में आगे कहा गया है, “इसके परिणामस्वरूप एलएएफ के तहत रिवर्स रेपो दर भी 5.75 फीसदी पर अपरिवर्तित है, तथा सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर और बैंक दर 6.75 फीसदी है।”
वहीं, निवेशकों ने आरबीआई के ब्याज दरों को यथावत रखने के फैसले से निराशा जताई है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 प्रमुख शेयरों के सूचकांक सेंसेक्स में इस फैसले के बाद 152.60 अंकों या 0.54 फीसदी की गिरावट देखी गई और अपराह्न् 2.30 बजे यह 28,182.56 पर कारोबार कर रहा था।
इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के प्रमुख 50 शेयरों का निफ्टी सूचकांक 30.25 अंकों या 0.34 फीसदी गिरावट के साथ 8,738.05 पर अा गया।–आईएएनएस
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