भ्रष्टाचार (corruption) , गबन और अन्य आर्थिक अनियमितताओं में दोष सिद्ध (guilty ) हो चुके सेवानिवृत्त शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों (retired government officials ) की पेंशन (pension) से नियमानुसार शासन की राशि की वसूली की जाए।
यह निर्देश देते हुए मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग के मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि दोषमुक्त हुए अधिकारी- कर्मचारी की पेंशन नहीं रोकी जाए और ना ही उसमें कोई कटौती की जाए।
वह आज रविवार 5 अक्टूबर को भोपाल में मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की मध्यप्रदेश सिविल सेवा पेंशन नियम 1976 के अधीन मामलों के निराकरण के लिए गठित स्थाई समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
प्रमुख सचिव गृह एस.एन. मिश्रा द्वारा प्रस्तुत 8 प्रकरणों की समीक्षा के बाद 6 प्रकरणों में संबंधितों की आंशिक पेंशन रोके जाने तथा 2 प्रकरणों में पेंशन नहीं रोके जाने का निर्णय लिया गया।
प्रमुख सचिव अजीत केसरी द्वारा प्रस्तुत सहकारिता विभाग के सेवानिवृत्ति के बाद के तीन प्रकरणों में विभागीय जाँच की अनुमति दी गई।
जल-संसाधन विभाग के तीन प्रकरणों में दोषी (guilty ) सेवानिवृत्त शासकीय सेवकों की पेंशन से संपूर्ण शासकीय राशि वसूल किए जाने का निर्णय लिया गया।
साथ ही एक प्रकरण में विभागीय जाँच की अनुमति दी गई तथा एक प्रकरण में दोषी पाए गए 20 विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों की संपूर्ण पेंशन स्थाई रूप से रोके जाने का निर्णय लिया गया।
बैठक में संबंधित ठेकेदारों (Contractors) को भी 3 वर्ष के लिए ब्लैक लिस्ट (Black list)करने के निर्देश दिये गये।
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