कोलकाता, 25 फरवरी। मशहूर निर्माता निर्देशक लेखक कुमार साहनी का 83 साल की उम्र में निधन हो गया है। वे बीमार थे।
उन्हें उनकी सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म ‘माया दर्पण’ (1972) के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला था।
साहनी की करीबी दोस्त और उनके साथ ‘ख्याल गाथा’ और ‘कस्बा’ जैसी फिल्मों में काम कर चुकीं अभिनेत्री मीता वशिष्ठ ने कहा कि स्वास्थ्य समस्याओं के कारण कल रात कोलकाता के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया।
कुमार साहनी का जन्म 1940 में अविभाजित भारत में सिंध के लरकाना में हुआ था। 1947 में भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के बाद साहनी का परिवार मुंबई आ गया। साहनी के परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटियां हैं।
साहनी ने भारतीय समानांतर सिनेमा की एक और बड़ी हस्ती मणि कौल के साथ पुणे में भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) में अध्ययन किया था ।
उन्हें निर्देशक ऋत्विक घातक के पसंदीदा छात्रों में से एक माना जाता था। बाद में, शाहानी फ्रांस गए और फिल्म निर्माता रॉबर्ट ब्रेसन को उनकी फिल्म ‘उने डेम डूस’ बनाने में मदद की। वह ऋत्विक घातक और रॉबर्ट ब्रेसन को अपना गुरु मानते थे।
निर्मल वर्मा की कहानी पर कुमार साहनी ने ‘माया दर्पण’ बनाई। यह उनकी पहली फिल्म थी। हिंदी लेखक निर्मल वर्मा की लघु कहानी पर आधारित यह फिल्म सामंती युग से संबंधित है। यह फिल्म एक प्रेमी और अपने पिता के सम्मान की रक्षा करने वाली एक महिला के इर्द-गिर्द घूमती है।
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