— बृजेन्द्र रेही—
नई दिल्ली, 01 अप्रैल। जानीमानी रंगमंच कलाकार और निर्देशक श्रीमती आवेरी चौरे नहीं रही। आज सोमवार को उनका दिल्ली में निधन हो गया। वह 65 साल की थीं।
वह अपने पीछे भरापूरा परिवार छोड़ गई हैं। उनके पति डॉ.संजय चौरे एक जानेमाने सर्जन हैं।
आवेरी स्वाभाव से बहुत मिलानसार और हंसमुख थीं तथा दोस्तों के बीच बहुत लोकप्रिय थी। उनका जन्म कोलकाता में 8 दिसंबर, 1958 को हुआ था। उन्होंने 1982 में जाधवपुर विश्वविद्यालय से तुलनात्मक साहित्य में मास्टर डिग्री ली थी। कॉलेज के दिनों से ही वह कोलकाता के अग्रणी थिएटर समूहों में से एक बोहुरुपी (बहुरूपी) में शामिल हो गई थीं। शादी के बाद उन्होंने कोलकाता छोड़ दिया और दिल्ली आ गई और थिएटर से जुड़ गई।
उन्होंने रंगमंच के दिग्गज हबीब तनवीर, अमाल अल्लाना, राजेंद्रनाथ, फैसल अल्काज़ी और त्रिपुरारी शर्मा के साथ अंग्रेजी, हिंदी और बंगाली में कई नाटकों में काम किया।
वह थिएटर के साथ-साथ, दूरदर्शन और टीवीआई के लिए समाचार वाचन में भी सक्रिय रहीं। बंगाली थिएटर समूह, बिकल्पा की स्थापना भी की। इसके आलावा 20 वर्षों तक कृभको के जनसंपर्क विभाग में पूर्णकालिक नौकरी की, लेकिन अपनी रचनात्मक प्रवृत्ति के लिए समय से पहले सेवानिवृत्ति ले ली थी।
उन्होंने बंगाल की बाउल गायन की परंपरा पर भी काम किया था।
आवेरी ने अपने संस्मरणों में एक जगह लिखा “शोंभू मित्रा और तृप्ति मित्रा जैसे दिग्गजों के नाम से जाना जाने वाला बोहरुपी बंगाली थिएटर की अग्रिम पंक्ति में था। यह वही समय था जब मैंने एक उद्घोषक, न्यूज़कास्टर और टीवी धारावाहिकों और फीचर फिल्मों में अभिनेत्री के रूप में अपना करियर शुरू किया।”
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