Usha Ganguly

जानी मानी रंगमंच निर्देशक उषा गांगुली का कोलकाता में देहांत

जानी मानी  रंगमंच निर्देशक श्रीमती उषा गांगुली (Usha Ganguly) का कोलकाता में आज देहांत हो गया। वे 75 साल की थीं।

उनका जन्म राजस्थान के जोधपुर में सन् 1945 में हुआ था।

स्व. उषा गांगुली (Usha Ganguly)  का अंतिम संस्कार दोपहर कोलकाता में कर दिया गया।

वह एक पुत्र की माँ थीं और उनके पति पश्चिम बंगाल में राजनीतिज्ञ हैं।

भारतीय थिएटर में उनके योगदान के लिए  स्व. उषा गांगुली (Usha Ganguly)  को केन्द्रीय संगीत नाटक अकादमी ने 1998 में  अकादमी पुरस्कार प्रदान किया था।

भारतीय रंगमंच की प्रतिभाशाली और शानदार निर्देशक उषा गांगुली (Usha Ganguly) को पश्चिम बंगाल सरकार (1982, 1985, 1987), ऋत्विक घटक मेमोरियल अवार्ड (1997), पश्चिम बंगा नाट्य अकादमी पुरस्कार (1994, 1997), सहित निर्देशन और अभिनय के लिए कई सम्मान मिल चुके हैं।

उन्हें  उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1998) से भी नवाजा गया था।

 

नई दिल्ली में रंगमंच की जानी मानी कलाकार और अभिनेत्री श्रीमती आवेरी चौरे ने बताया कि आज सवेरे 7 बजे उन्हें कोलकाता के अपने घर में गहरा हृदयाघात लगा और वे नहीं बच सकी। बताया जाता है क उस समय उनके घर में एक मेड के अलावा काई नहीं था।

आवेरी ने उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देते हुए बताया कि दो दिन पहले स्व. उषा गांगुली (Usha Ganguly) से फोन पर बात हुई थीं और वे रंगमंच के लिए एक नया नाटक तैयार करने की योजना बना रही थीं।

फोटो: संगीत नाटक अकादमी से साभार

उन्होंने पिछले दिनों रंगमंच के लिए एक कार्यक्रम ‘सप्तपर्णी’ तैयार किया था जिसेें सात महिला नाट्य निर्देश्किाओं और सात अभिनेत्रियों ने प्रस्तुत किया था।

जीवन-यात्रा

स्व. उषा गांगुली ने मास्टर ऑफ हिंदी लिटरेचर लिया और 1970 में हिंदी में व्याख्याता के रूप में भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज में काम शुरू किया।

गुरु मारुथ अप्पा पिल्लई, मंजुलिका रॉय चौधरी और नादिया सिंह से बचपन में नृत्य में प्रशिक्षित होने के बाद, उन्होंने कम उम्र में भरत नाट्यम का प्रदर्शन भी शुरू कर दिया था।

कलकत्ता के संगीत कला मंदिर में 1970 में वह  एक अभिनेत्री के रूप में शामिल हुईं और जल्द ही अपनी प्रतिभा के लिए प्रशंसित हो गईं।

स्व. उषा गांगुली (Usha Ganguly)  ने तृप्ति मित्रा से थिएटर में प्रशिक्षण भी प्राप्त किया और 1976 में अपने स्वयं के थिएटर ग्रुप, रंगकर्मी का गठन किया।

उन्होंने रुदाली के अपने निर्माण के साथ एक निर्देशक के रूप में ध्यान आकर्षित किया, जो देश के विभिन्न हिस्सों में किया गया था।

स्व. उषा गांगुली की अन्य महत्वपूर्ण रंगमंच  प्रस्तुतियों में महाभोज, लोक कथा, होली, कोर्ट मार्शल, जात ही पूछो साधु की, प्रस्तव,और हिम्मत माई शामिल हैं।

स्व. उषा गांगुली (Usha Ganguly) ने कई नाटकों का अनुवाद और रूपांतरण भी किया है, और फिल्मों और टेलीविजन के लिए पटकथा भी लिखी है।