महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार 2 अगस्त, 2018 को कहा कि वह मराठों को कानूनी रूप से आरक्षण देगी ।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आश्वस्त किया कि सरकार मराठा समुदाय के आरक्षण के बारे में सकारात्मक है और सरकार के भव्य गठबंधन में मराठा समुदाय के युवाओं के प्रति अन्याय नहीं करेगी।
फडणवीस राज्य में मराठा समुदाय के संघों के साथ सह्याद्री गेस्ट हाउस में आयोजित एक बैठक में बोल रहे थे।
बैठक में एमपी नारायण राणे, विधायक नीतेश राणे और मराठा समुदाय के विभिन्न संगठनों ने भाग लिया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द से जल्द समाज के आरक्षण के बारे में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को अनुरोध दिया गया है।
कमीशन का काम तेजी से चल रहा है और रिपोर्ट के एक महीने के भीतर, वैधानिक मामलों को पूरा करने के लिए विधानमंडल के विशेष सत्र को आयोजित करने का निर्णय तय किया जाएगा।
फडणवीस ने आश्वासन देते हुए कहा कि आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद मराठों को आरक्षण मिलेगा।
महाराष्ट्र की 12 करोड़ आबादी में लगभग 30 प्रतिशत मराठा है। पिछले 10 दिनों से राज्य में आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन हिंसक हो गए थे।
विभिन्न वर्गों के राज्य के नेताओं के साथ आज एक बैठक आयोजित की गई और मराठों को कानूनी रूप से आरक्षण देने के लिए संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर किए गए।
मराठाओं द्वारा सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण के की मांग को लेकर मुंबई में ‘जेल भरो’ आन्दोलन के एक दिन बाद मुख्यमंत्री का यह बयान आया।
इस मामले मे पुलिस ने 24 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया था लेकिन बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने आश्वस्त किया कि प्रदर्शनकादियों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा और पुलिस हमलों की घटनाओं के अलावा अन्य मामले वापस लेने का आदेश दिया गया है।
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