भोपाल, 23 मई (जनसमा)। अब मध्यप्रदेश में रेत माफियाओं की खैर नहीं। हालांकि लोगों का कहना है कि रेत माफियाओं को प्रभावशाली लोगों का समर्थन भी प्राप्त है। मध्यप्रदेश सरकार ने नदियों से रेत निकालने के लिए मशीनों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।
मध्यप्रदेश के खनिज साधन विभाग द्वारा सोमवार को जारी एक आदेश में कहा गया है कि भारत सरकार के वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की व्यवस्था अनुसार रेत खदान संचालन के लिए स्टेट एनवायरमेंट इम्पेक्ट असैसमेंट अथॉरिटी (सिया) अथवा डिस्ट्रिक्ट एनवायरमेंट इम्पेक्ट असैसमेंट अथॉरिटी (डिया) द्वारा पर्यावरणीय अनुमति प्रदान की जाती है।
आदेश के अनुसार पर्यावरणीय अनुमति में शर्त होती है कि रेत खनन मानव श्रम से किया जाए, जिसमें मशीनों से रेत उत्खनन पर पूर्णतः प्रतिबंध है।
इस आदेश में मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम द्वारा नर्मदा नदी पर संचालित रेत खदानें भी शामिल हैं। यह आदेश अनूपपुर, डिण्डोरी, सिवनी, मण्डला, जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, हरदा, खण्डवा, देवास, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, धार, सीहोर और रायसेन जिलों पर लागू होगा। साथ ही नदियों से रेत निकालने वाले पट्टाधारी/ठेकेदारों के स्वीकृत पट्टों/ठेकों को समय से पहले ही निरस्त करने के नोटिस जारी कर दिए गए हैं।
राज्य शासन ने सभी जिला कलेक्टरों को इस आदेश का पालन करने को कहा है।
मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश में रेत के वैज्ञानिक उत्खनन और विपणन की प्रभावी परदर्शी व्यवस्था तैयार करने के लिए खनिज साधन मंत्री राजेन्द्र शुक्ल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। यह समिति रेत उत्खनन में वैज्ञानिक तकनीक के उपयोग पर अपनी रिपोर्ट देगी।
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