जब टीवी पत्रकार को उठानी पड़ी शर्मिदगी.. (रियो डायरी)

रियो डी जनेरियो, 20 अगस्त | रियो ओलम्पिक को कवर करने के लिए दुनियाभर से यहां पत्रकार आए हुए हैं, लेकिन ऐसा करते हुए एक पत्रकार को शर्मिदगी उठानी पड़ी। दरअसल बीबीसी के पत्रकार डैन वॉकर समुद्रतट के किनारे दिन की सारी स्पर्धाएं खत्म होने के बाद आखिरी खबर शूट कर रहे थे और उनके पीछे समुद्रतट पर एक युगल सहवास की मुद्रा में कैमरे में कैद हो गया।

इस घटना के बाद से ट्विटर पर लोग लगातार वॉकर से पीछे हुए वाकये के बारे में पूछे जा रहे हैं और वॉकर साफ-साफ इससे झुंझलाए नजर आए।

उन्होंने कहा, “सोशल मीडिया पर जो लोग कैमरे पर मेरे पीछे चल रही घटना के बारे में पूछे जा रहे हैं, उनके लिए हम कैमरे को जूम नहीं करने वाले।”

हालांकि वॉकर ने ट्विटर पर लगातार हो रहे सवाल का जवाब मुश्किल से अपनी हंसी रोकते हुए दिया, “सभी निश्चिंत रहें यह ऐसा नहीं है जैसा आप सोच रहे हैं..शायद वे कोई पुस्तक पढ़ रहे हैं..वास्तव में वे पुस्तक ही पढ़ रहे हैं सिर्फ उनकी मुद्रा अजीब सी है।”

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स्वर्ण जीतने की खुशी में कोच को ही पटका

रियो ओलम्पिक के दौरान पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को अलग-अलग अंदाज में खुशी मनाते देखा गया। कुछ रोकर तो कुछ मुस्कुराते हुए और कुछ नाचते हुए खुशियां मनाते हैं। लेकिन जापान की एक महिला पहलवान ने स्वर्ण जीतने की खुशी में अपने कोच को ही पटखनिया दे दी।

फ्रीस्टाइल स्पर्धा के 63 किलोग्राम भारवर्ग में रिसाको कावाई के स्वर्ण पदक जीतने पर जब उनके कोच काजुहितो साकाई पास पहुंचे तो बजाय गले मिलने के कावाई ने उन्हें वहीं मैट पर दो बार कुश्ती का दांव लगाते हुए पटक दिया।

कावाई ने फाइनल मुकाबले में बेलारूस की मारिया मामाशुक को मात देकर यह स्वर्ण पदक हासिल किया। कावाई ने हालांकि दो पटखनिया देने के बाद कोच को अपने कंधों पर उठा लिया और जीत का जश्न मनाया।

रियो ओलम्पिक के दौरान कावाई के जश्न मनाने का यह अंदाज सोशल नेटवर्क भी छा गया और सबसे जश्न मनाने का सबसे विचित्र अंदाज के रूप में चर्चित हुआ।

खुशी से पागल कावाई ने बाद में बताया कि उन्होंने पहले ही कोच से इस बारे में कह दिया था और यह पूर्व नियोजित था।

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क्या इसे भी परिवारवाद कहें!

परिवारवाद को हमेशा नकारात्मक अंदाज में ही देखा जाता रहा है, लेकिन रियो ओलम्पिक में महिला गोल्फ स्पर्धा में यह परिवारवाद कुछ अलग ही अंदाज में नमूदार हो रहा है।

रियो ओलम्पिक की महिला गोल्फ स्पर्धा में हिस्सा लेने आईं अधिकतर खिलाड़ी अपने परिवार के किसी न किसी सदस्य के साथ यहां आई हैं।

ओलम्पिक खेलों में 112 वर्ष के बाद वापसी करने वाली गोल्फ स्पर्धा इन महिला गोल्फरों के लिए वास्तव में किसी पारिवारिक पिकनिक की तरह हो गया है, क्योंकि वे या तो अपने भाई, पिता, बहनों, मां, पति या पुरुष मित्र के साथ यहां आई हैं और अधिकांश ने तो उनमें से ही किसी न किसी को अपना कैडी बना रखा है।

गोल्फ में कैडी खिलाड़ी के साथ उसके सारे सामान लेकर चलते हैं और खिलाड़ी को गोल्फ कोर्स और शॉट के बारे में राय-मशविरा भी देते रहते हैं।

रियो में हिस्सा ले रहीं 60 महिला गोल्फरों में से 21 खिलाड़ियों के कैडी उनके परिवार का कोई सदस्य है।

रियो की गोल्फ स्पर्धा में हिस्सा ले रहीं सबसे कम उम्र की प्रतिभागी भारतीय गोल्फ खिलाड़ी अदिती अशोक अपने पिता को साथ ले गई हैं जो उनके कैडी की जिम्मेदारी उठा रहे हैं।

ब्राजील की गोल्फ खिलाड़ी विक्टोरिया लवलेडी के कैडी उनके पति हैं तो दक्षिण अफ्रीका की एश्लीह सिमोन अपने सात अपने मंगेतर को ही लेकर आ गई हैं।               –आईएएनएस