रियो डी जनेरियो, 18 अगस्त | अपना पहला ओलम्पिक खेल रहीं भारत की अग्रणी महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पी. वी. सिंघु ने ब्राजील की मेजबानी में खेले जा रहे ओलम्पिक खेलों में गुरुवार को महिला एकल वर्ग के फाइनल में प्रवेश कर लिया और भारत को बैडमिंटन में पहला ओलम्पिक स्वर्ण हासिल करने की उम्मीद जगा दी। बुधवार को कुश्ती में साक्षी मलिक द्वारा जीते गए कांस्य पदक के 24 घंटों के अंदर सिंधु ने भारत को दूसरी बड़ी सफलता दिला दी।
हालांकि गुरुवार को भारत को महिलाओं की कुश्ती स्पर्धा में एक निराशा भी हाथ लगी। फ्रीस्टाइल कुश्ती के 53 किलोग्राम भारवर्ग में बबिता कुमारी प्री क्वार्टर फाइनल मुकाबला हार गईं।
बबिता का रियो ओलम्पिक में यह पहला मुकाबला ही था। उन्हें क्वालिफाइंग राउंड में बाई मिली थी।
लेकिन देशवासियों की सबसे बड़ी उम्मीद बनकर उभरीं सिंधु के मुकाबले पर सभी की निगाहें टिकी हुई थीं और सिंधु ने सवा करोड़ भारतीय उम्मीदों को निराश नहीं किया।
रियोसेंटर पवेलियन-4 में खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में सिंधु ने छठी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी जापान की निजोमी ओकुहारा को सीधे गेमों में 21-19, 21-10 से जीत हासिल करते हुए फाइनल का टिकट पक्का कर लिया।
फाइनल में सिंधु का सामना शीर्ष वरीयता प्राप्त स्पेन की कैरोलिना मारिन से होगा। सिंधु अब अगर फाइनल मैच हार भी जाती हैं तो उनका रजत पदक पक्का है, जो भारत का ओलम्पिक में बैडमिंटन का पहला रजत पदक होगा।
सिंधु ने पहले गेम में जबरदस्त प्रदर्शन किया और 10-6 की बढ़त ले ली। ओकुहारा ने इसके बाद संघर्ष किया और अंकों के अंतर को कम करने की कोशिश की। लेकिन सिंधु ने उनकी लाख कोशिशों के बावजूद भी आगे नहीं निकलने दिया। ओकुहारा एक अंक लेतीं तो सिंधु तुरंत वापसी कर लेतीं। इसी बीच सिंधु 17-14 से आगे थीं।
पहले गेम में सिंधु ने हालांकि कुछ गलतियां की और कई बार शॉट बाहर खेल बैठीं, लेकिन गेम के अंत में उन्होंने अपनी गलती को सुधारा और 27 मिनट में गेम 21-19 से अपने नाम किया।
दूसरा गेम सिंधु के अटूट आत्मविश्वास का गवाह बना। उन्होंने दूसरे गेम की शुरुआत अच्छी नहीं की और वह शुरुआत में ही 0-3 से पीछे हो गईं। 10वीं विश्व वरियता प्राप्त सिंधु ने इसके बाद 5-5 से बराबरी हासिल की।
बराबरी के बाद ओकुहारा ने एक बार फिर 7-5 की बढ़त ले ली, लेकिन सिंधु ने तुंरत दो अंक हासिल करते हुए स्कोर 7-7 से फिर बराबर कर लिया। यहां से दोनों खिलाड़ियों के बीच एक-एक अंक के लिए कड़ा संघर्ष शुरू हुआ जो 8-8 से होते हुए 10-10 तक पहुंचा।
यहां से सिंधु ने विश्व स्तर का खेल दिखाया और जापानी खिलाड़ी को एक भी अंक नहीं लेना दिया। सिंधु ने चौंकाने वाली वापसी की और लगातार 11 अंक हासिल कर 21-10 से मैच जीत लिया। यह गेम 22 मिनट चला।
सिंधु ने इसी के साथ इतिहास रचते हुए ओलम्पिक खेलों के फाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली बैडमिंटन खिलाड़ी बनने की उपलब्धि हासिल कर ली।
इस बीच महिलाओं की गोल्फ स्पर्धा में भारत की एकमात्र दावेदार अदिती अशोक संतुलित प्रदर्शन कर रही हैं। स्पर्धा का दूसरा राउंड अभी चल रहा है और अदिती दूसरे राउंड में संयुक्त रूप से 11वें और ओवरऑल लीडरबोर्ड में संयुक्त रूप से सातवें स्थान पर चल रही हैं।
अदिती मध्यांतर से पहले तक शानदार प्रदर्शन कर रही थीं और बिना एक भी शॉट चूके एक समय संयुक्त रूप से शीर्ष पर पहुंच गई थीं। लेकिन अदिती मध्यांतर के बाद दो बोगी लगा बैठीं।
–आईएएनएस
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