रियो ओलम्पिक: खिलाड़ियों को एकदूसरे का सम्मान करना चाहिए

रियो डी जेनेरियो, 9 अगस्त | अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) ने अभिव्यक्ति की आजादी के प्रति समर्थन जाहिर करते हुए कहा है कि खिलाड़ियों को समझना चाहिए कि ‘छींटाकशी’ और अभिव्यक्ति की आजादी के बीच बारीक अंतर होता है। आईओसी के प्रवक्ता मार्क एडम्स ने सोमवार को कहा, “हम अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करते हैं, लेकिन ओलम्पिक के दौरान खिलाड़ियों को एकदूसरे का सम्मान करना भी आना चाहिए। इसके बीच बारीक अंतर है और लोगों को अपनी बात कहने की आजादी होनी चाहिए, साथ ही दूसरों के प्रति उनके मन में आदर भी होना चाहिए।”

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, आईओसी का यह बयान चीन और आस्ट्रेलियाई तैराकी टीमों के बीच ओलम्पिक के दौरान हुई छींटाकशी के ठीक बाद आया है।

फोटो: सिन्हुआ/ली जी/आईएएनएस

गौरतलब है कि आस्ट्रेलिया के तैराक मैक होर्टन ने चीन के तैराक सुन यांग पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए उन्हें ‘ड्रग चीट’ कहा था।

इसके बाद चीनी तैराकी टीम के अधिकारियों ने आस्ट्रेलियाई अधिकारियों को इसकी लिखित शिकायत की थी और होर्टन से माफी मांगने के लिए कहा था।

हालांकि आस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने होर्टन का पक्ष लेते हुए कहा था कि होर्टन को अपने विचार रखने का अधिकार है।

उल्लेखनीय है कि लंदन ओलम्पिक-2012 की 400 मीटर फ्रीस्टाइल और 1,500 मीटर फ्रीस्टाइल स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीतने वाले सुन पर 2014 में डोपिंग के कारण तीन महीने का प्रतिबंध लगा था। सुन जिस प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन के दोषी पाए गए थे, उसे विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने 2014 में ही अपनी प्रतिबंधित सूची में शामिल किया था।

24 वर्षीय सुन का कहना था कि उन्होंने दिल की समस्या के उपचार के तहत अनजाने में इस दवा का सेवन किया था।

रियो ओलम्पिक में शनिवार को 400 मीटर फ्रीस्टाइल स्पर्धा का स्वर्ण जीतने के बाद होर्टन ने कहा, “मैंने उन्हें ड्रग चीट इसलिए कहा था, क्योंकि वह प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन का दोषी पाया गया था। वह रियो में खेल रहे ऐसे कुछेक खिलाड़ियों में शामिल है, जिन्हें डोपिंग का दोषी पाया जा चुका है।”

–आईएएनएस